Explained: SIP क्यों बंद कर रहे हैं लोग, किस बात का है डर?

Why people stopping SIP: पिछले कुछ साल में म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करने का चलन काफी तेजी से बढ़ा था। इसे लंबी अवधि के निवेश का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता था। हालांकि, अब एसआईपी बंद (SIP stoppage) करने वालों की तादाद काफी तेजी से बढ़ रही है। नई SIP खुलने की रफ्तार भी सुस्त पड़ रही है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) का डेटा बताता है कि नवंबर में 49 लाख नए एसआईपी अकाउंट खोले गए। वहीं, अक्टूबर में 63.7 लाख से नए एसआईपी अकाउंट खुलवाए गए थे। आइए जानते हैं कितने लोगों ने एसआईपी बंद कराई? एसआईपी बंद कराने की क्या वजह है और आपको अपनी एसआईपी जारी रखनी चाहिए या बंद कर देनी चाहिए?

कितने लोगों ने SIP बंद कराई?

नवंबर में एसआईपी बंद या एसआईपी डिस्कंटीन्यू (SIP Discontinuation) करने वालों की तादाद बढ़कर 39.14 लाख हो गई। यह संख्या अक्टूबर में 38.8 लाख थी। नवंबर में एसआईपी बंद करने का अनुपात (SIP Stoppage Ratio) 79.12 फीसदी हो गया, जो पिछले 6 महीने में सबसे अधिक है। सिप स्टॉपेज रेशियो नए सिप अकाउंट खुल के मुकाबले बंद होने वाले अकाउंट के प्रतिशत को बताता है। नवंबर का डेटा बताता है कि अगर 100 लोगों ने नया सिप अकाउंट खुलवाया, तो 79 लोगों ने बंद कराया या उनकी सिप का टेन्योर पूरा हो गया।

SIP क्यों बंद कर रहे हैं लोग?

एसआईपी लॉन्ग टर्म के लिए काफी शानदार रिटर्न देने वाले इन्वेस्टमेंट के तौर पर जानी जाती है। इसके बावजूद लोग बड़ी संख्या में एसआईपी बंद कर रहे हैं। इसकी कुछ वजहें भी हैं।

शेयर मार्केट की गिरावट

पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। दोनों प्रमुख सूचकांक यानी सेंसेक्स और निफ्टी में 10-10 फीसदी से अधिक करेक्शन हुआ था। इसके चलते ज्यादातर म्यूचुअल फंड्स की एसआईपी स्कीम ने नेगेटिव रिटर्न दिया है। इससे निवेशक काफी ज्यादा डर गए हैं। इनमें खासकर वे निवेशक शामिल हैं, जिन्होंने कुछ ही समय पहले एसआईपी शुरू की थी। कुछ निवेशक ऐसे भी हैं, जिन्होंने मार्केट की गिरावट का फायदा उठाने के लिए अपनी एसआईपी भुनाकर खुद निवेश करने का फैसला किया है।

सुस्त जीडीपी ग्रोथ से बढ़ी चिंता

रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ इजरायल-इराक संघर्ष से वैश्विक अस्थिरता काफी बढ़ी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने भी जीत के बाद कई देशों के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही है। इस वजह से भी शेयर बाजार में उथल-पुथल बढ़ी है। कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे और जीडीपी ग्रोथ में गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता भी बढ़ी है। इसलिए कई निवेशक एसआईपी बंद करके मार्केट के स्थिर होने और इकोनॉमी से पॉजिटिव संकेत मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

महंगाई भी एक अहम फैक्टर

पिछले कुछ महीनों में महंगाई काफी ज्यादा बढ़ी है, जबकि ज्यादातर लोगों की सैलरी में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। इससे लोग ज्यादा बचत नहीं कर पा रहे हैं और नए एसआईपी खुलने की संख्या घट रही है। महंगाई के चलते ही कुछ लोगों को एसआईपी रोककर अपने दूसरे जरूरी खर्चे पूरे करने पड़ रहे हैं। हालांकि, अब महंगाई धीरे-धीरे काबू में आ रही है। आरबीआई

घर या गाड़ी खरीदने की प्लानिंग

कई लोग घर या गाड़ी खरीदने के लिए भी अपनी एसआईपी भुना रहे हैं। साल 2024 खत्म होने वाला है और कई ऑटोमोबाइल कंपनियां पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए गाड़ियों पर भारी-भरकम छूट दे रही हैं। इसका फायदा उठाने के लिए भी कुछ एसआईपी भुनाकर कार खरीद रहे हैं। वहीं, फरवरी में बजट 2025 में पेश होने वाला है। उसमें टैक्स नियमों में बदलाव का भी अनुमान है। इसलिए भी लोग बजट से पहले गाड़ी या घर खरीदने के प्लान पर अमल करना चाहते हैं।

सेबी के बदले नियम का असर

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने भी सिप से जुड़े में कुछ बदलाव किया है। अब अगर कोई निवेशक अपनी सिप की लगातार तीन किस्तें चूकता है, तो उसकी SIP रद्द मान ली जाती है। पहले यह म्यूचुअल फंड पर था कि वे निवेशक के सिप अकाउंट को कब रद्द करार देते हैं। यही वजह है कि उन सिप को ऑटोमैटिक रद्द मान लिया गया है, जिनमें पिछले तीन महीने से निवेश नहीं आ रहा है।

क्या आपको SIP बंद करनी चाहिए?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आपको सामने कोई गंभीर वित्तीय मजबूरी नहीं है, तो आपको अपनी एसआईपी जारी रखनी चाहिए। खासतौर पर मार्केट की गिरावट से डरकर तो सिप बिल्कुल बंद नहीं करनी चाहिए। उलटे अगर आप के पास अतिरिक्त पैसे हैं, तो आप उसे अपने एसआईपी अकाउंट में डाल सकते हैं। इसका आपको लंबी अवधि में फायदा मिलता है। गिरावट के समय शेयर सस्ते हो जाते हैं, ऐसे में कॉस्ट एवरेजिंग को भी कम करने में मदद मिलती है। इसका फायदा आपको शानदार लॉन्ग टर्म रिटर्न के रूप में मिलता है।

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Shikha Singh
Shikha Singh
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