
Mutual Fund SIP में सही रिटर्न मिल रहा या नहीं, कैसे पता करेंगे आप?
Mutual Fund Investments: अब शहर से लेकर गांव तक ज्यादातर लोग अपनी बचत को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए डाल रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि म्यूचुअल फंड पर जनता का भरोसा काफी ज्यादा बढ़ा है। क्योंकि इनमें काफी अच्छा रिटर्न मिलता है। म्यूचुअल फंड की सबसे सुरक्षित मानी जानी स्कीमें भी तकरीबन 12 फीसदी का रिटर्न दे देती हैं। यह फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे निवेश विकल्पों की तुलना में काफी अच्छी कमाई है, जहां आपको कमोबेश 8 फीसदी के आसपास ब्याज मिलता है। हालांकि, आपको म्यूचुअल फंड में निवेश के बाद हमेशा देखते रहना चाहिए कि आपको सही रिटर्न मिल रहा है या नहीं। हम कुछ तरीके बता रहे हैं, जिनके आप यह आसानी से चेक कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय अपना लक्ष्य कैसे तय करें?
अगर आप एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले अपना वित्तीय लक्ष्य (Financial Goals) तय करना चाहिए। जैसे कि आप एसआईपी किस मकसद और कितने समय के लिए कर रहे हैं। आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि एसआईपी लंबी अवधि में ज्यादा बेहतर रिटर्न देती है।
इसलिए अगर आपको परखना भी है कि आपकी एसआईपी अच्छा रिटर्न दे रही है या नहीं, तो आपको कम से कम 2 साल तक इंतजार करना होगा। बहुत से लोग दो-तीन महीने एसआईपी करते हैं और उम्मीद से कम रिटर्न देखकर बंद कर देते हैं। आपको ऐसा नहीं करना है।
Mutual Fund Investments में कितना रिटर्न मिलना चाहिए?
अगर आप किसी भी योजना में निवेश कर रहे हैं, तो उसका रिटर्न मुद्रास्फीति (Returns Beat Inflation) से अधिक होना चाहिए। अगर महंगाई सालाना 6 फीसदी के हिसाब से बढ़ रही है, तो आपको हर हाल में इससे अधिक रिटर्न मिलना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर आपके मूलधन यानी कि आपने जो रकम निवेश कर रखी है, उसमें नुकसान होगा।
आपको 7-8 फीसदी का रिटर्न एफडी और कई अन्य सरकारी योजनाओं में आसानी से मिल जाएगा, जहां आपका पैसा बिल्कुल सुरक्षित रहेगा। अगर आप इन विकल्पों को छोड़कर म्यूचुअल फंड की एसआईपी में निवेश कर रहे हैं, तो आपको कम से कम सालाना 12 फीसदी के हिसाब से रिटर्न मिल रहा है। आपका रिटर्न यदि 12 फीसदी से कम है, तो आपको अपनी निवेश की रणनीति बदलने पर विचार करना चाहिए।
म्यूचुअल फंड की बेंचमार्क रिटर्न से तुलना कैसे करें?
एसआईपी शुरू करने के बाद हमेशा चेक करते रहना चाहिए कि आपका म्यूचुअल फंड बेंचमार्क इंडेक्स यानी सेंसेक्स और निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है या नहीं। जैसे कि आपके म्यूचुअल फंड ने आपको एक साल में 12 फीसदी का रिटर्न दिया, लेकिन उस एक साल के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 15 फीसदी का उछाल आया है।
इसका मतलब है कि आपका म्यूचुअल फंड बेंचमार्क इंडेक्स से भी कम रिटर्न दे रहा है। जबकि अगर सेंसेक्स-निफ्टी 15 फीसदी का रिटर्न दे रहे हैं, तो उसे कम से कम 18-20 फीसदी का रिटर्न देना चाहिए। अगर आपका म्यूचुअल फंड लगातार बेंचमार्क से कमजोर प्रदर्शन कर रहा है, तो आप किसी अन्य म्यूचुअल फंड हाउस की स्कीम में निवेश शुरू करने पर गौर कर सकते हैं।
अपनी जोखिम लेने की क्षमता को कैसे पहचानें?
म्यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू करने से पहले आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता को पहचानना जरूरी है। म्यूचुअल फंड की स्कीमें अलग-अलग जोखिम क्षमता के साथ आती हैं। जैसे कि कुछ स्कीमों में काफी अधिक जोखिम होता है, लेकिन इनमें रिटर्न भी काफी शानदार मिल सकता है। कई बार इनमें सालाना 40 से 50 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है। वहीं मीडियम रिस्क वाली स्कीमों में कुछ कम जोखिम होता है। ये मिड कैप शेयरों में निवेश करती हैं। इनमें भी अच्छा रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है।
वहीं, लो-रिस्क वाली म्यूचुअल फंड में काफी कम जोखिम रहता है। ये अक्सर गोल्ड, सरकारी बॉन्ड या फिर लॉर्ज कैप कंपनियों में पैसे लगाते हैं। यहां जोखिम बेहद कम रहता है, लेकिन आपको रिटर्न भी अमूमन 10 से 15 फीसदी के बीच मिलता है। हालांकि, मार्केट में उतार-चढ़ाव का म्यूचुअल फंड से मिलने वाले रिटर्न भी फर्क पड़ता है। इसलिए आपको हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि आप अपनी एसआईपी को बुल मार्केट में रिडीम करें। भले ही इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ जाए।
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