
Stock Market Crash: शेयर मार्केट में क्यों डूब रहा है आपका पैसा, पांच कारण में समझिए पूरा मामला
Stock Market Crash Explained: भारत के शेयर बाजार में सोमवार (13 जनवरी) को हाहाकार मचा हुआ है। स्टॉक मार्केट के दोनों प्रमुख इंडेक्स यानी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए। पिछले चार कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 1,869.1 अंक या 2.39 फीसदी गिरा है। इससे निवेशकों के करीब 24.69 लाख करोड़ रुपये डूब गए। आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट के क्रैश (why share market is falling today in hindi) होने की क्या वजह है।
अमेरिका से रोजगार का मजबूत डेटा
अमेरिका में रोजगार का डेटा अप्रत्याशित (US jobs data and rate concerns) तरीके से काफी मजबूत आया है। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी इकोनॉमी बेहतर हो रही है। यह अमेरिका के लिए अच्छी खबर है, लेकिन बाकी दुनिया के लिए बुरी खबर बन गई है। इसका मतलब है कि अब अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा। इससे दुनियाभर के शेयर बाजार में नकारात्मक माहौल बन गया।
क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आना
पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। अगर पिछले 1 महीने का डेटा देखें, तो बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतों (brent crude price) में 9.42 फीसदी का उछाल आया है। यह 81.07 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। क्रूड ऑयल का मजबूत होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ने का खतरा रहता है।
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डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। यह सोमवार (13 जनवरी 2025) को शुरुआती कारोबार में 27 पैसे कमजोर होकर 86.31 रुपये (rupee vs dollar today) पर आ गया है। यह अब तक के इतिहास में रुपये का सबसे कमजोर स्तर है। रुपये के कमजोर होने का सीधा मतलब है कि निर्यात की लागत बढ़ जाएगी, इससे जरूरी चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। महंगाई बढ़ने से रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में कटौती का फैसला लंबे समय के लिए टाल सकता है।
कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे
भारतीय कंपनियां वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी यानी दिसंबर तिमाही (q3 results 2025) के लिए वित्तीय नतीजे जारी कर रही हैं। लेकिन, इसमें कोई बहुत ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि दिसंबर तिमाही में भी कंपनियों के वित्तीय नतीजे कमजोर बने रहेंगे। इससे भारतीय बाजार का वैल्यूएशन भी अधिक बना रहेगा। यही वजह है कि निवेशक बाजार में पैसा लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने अक्टूबर 2024 से भारतीय बाजार में बिकवाली (fii selling indian market) शुरू की थी। यह सिलसिला जनवरी 2025 में भी बदस्तूर जारी है। एक तरह से विदेशी निवेशकों की बिकवाली में तेजी ही आई है। डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) भारी खरीदारी से नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, रिटेल इन्वेस्टर्स भी पैनिक सेलिंग शुरू कर चुके हैं, जिससे स्टॉक मार्केट लगातार गिरता ही जा रहा है।
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