
New vs Old Tax Regime: किस सिस्टम को चुनना रहेगा फायदेमंद, किसमें बचेगा ज्यादा टैक्स?
New Tax Regime vs Old Tax Regime 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) को लेकर कई बड़े एलान किए हैं। इससे मिडिल इनकम ग्रुप के टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। इसमें टैक्स स्लैब में संशोधन से लेकर टैक्स फ्री आय की 12 लाख रुपये तक बढ़ाने की बात शामिल है। हालांकि, इस बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इससे लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार इसे बंद करने वाली है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट कहा कि पुराना टैक्स सिस्टम अभी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को जबरदस्ती बंद नहीं करेगी, बल्कि सभी टैक्सपेयर्स को धीरे-धीरे न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट होने का मौका देगी। फिर पुरानी कर व्यवस्था को खत्म किया जाएगा।
पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) क्या है?
पुराने टैक्स रिजीम में कई टैक्स छूट और कटौतियों का लाभ मिलता है, जैसे:
- HRA (House Rent Allowance)
- LIC प्रीमियम (Life Insurance Premiums)
- PPF (Public Provident Fund)
- मेडिकल इंश्योरेंस (Health Insurance Tax Benefits)
- होम लोन (Home Loan)
अगर आप इन सभी डिडक्शन का लाभ उठाते हैं, तो आपके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर साबित हो सकता है।
ओल्ड टैक्स रिजीम का स्लैब:
इनकम | टैक्स |
₹2.5 लाख तक | शून्य |
₹2.5 लाख – ₹5 लाख | 5% |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
सरकार नई टैक्स व्यवस्था को क्यों बढ़ावा दे रही है?
नई टैक्स व्यवस्था को 2020-21 में पेश किया गया था। सरकार तभी से इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, ताकि लोग टैक्स डिडक्शन की झंझट से बच सकें और उन्हें ज्यादा कैश इन हैंड (Cash in Hand) मिले।
अब तक 75 फीसदी टैक्सपेयर्स नई व्यवस्था अपना चुके हैं। सरकार का इरादा डिडक्शन की जरूरत को पूरी तरह खत्म करना है। 2025 के बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था पर कुछ नहीं कहा गया, लेकिन नई टैक्स व्यवस्था के लिए बड़े फायदे दिए गए हैं।
New vs old tax regime 2025: कौन-सी फायदेमंद?
इस सवाल का जवाब आपकी सालाना आय और निवेश योजना पर निर्भर करती है। अब उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपकी सालाना इनकम ₹16 लाख है। आइए देखें दोनों टैक्स सिस्टम में कितना टैक्स देना होगा:
न्यू टैक्स रिजीम में:
₹4 लाख तक – कोई टैक्स नहीं
₹4 लाख – ₹8 लाख – 5% टैक्स = ₹20,000
₹8 लाख – ₹12 लाख – 10% टैक्स = ₹40,000
₹12 लाख – ₹16 लाख – 15% टैक्स = ₹60,000
कुल टैक्स = ₹1,20,000
ओल्ड टैक्स रिजीम में:
अगर आप ₹4 लाख की छूट (HRA, PPF, LIC, etc.) लेते हैं, तो टैक्सेबल इनकम ₹12 लाख होगी।
कुल टैक्स = ₹1,72,500
इसका मतलब है कि पुरानी टैक्स रिजीम के मुकाबले नई व्यवस्था में आपको ₹52,500 की बचत होगी।
क्या ओल्ड से न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करना चाहिए?
अगर आप ज्यादा डिडक्शन क्लेम नहीं करते, तो नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद है।
आप PPF, LIC, HRA जैसी छूटों का ज्यादा फायदा उठाते हैं, तो पुरानी व्यवस्था सही हो सकती है।
न्यू टैक्स रिजीम के फायदे
- आपको किसी तरह की टैक्स छूट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
- PPF और इंश्योरेंस जैसी स्कीम में अनिवार्य निवेश से आजादी मिलेगी।
- आप अपनी मर्जी से पैसा निवेश कर सकते हैं और बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।
- बाजार में पैसा बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
न्यू टैक्स रिजीम के नुकसान
- PPF, मेडिकल इंश्योरेंस जैसी बचत योजनाओं में निवेश घट सकता है।
- अगर लोग गलत ढंग से खर्च करेंगे, तो भविष्य के लिए पर्याप्त बचत नहीं होगी।
क्या सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था को बंद कर देगी?
- अभी के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था को बंद करने की कोई योजना नहीं है।
- लेकिन सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है।
- ज्यादातर लोगों के लिए नई टैक्स व्यवस्था बेहतर साबित हो रही है।
- ऐसे में जल्द ही पुरानी व्यवस्था अप्रासंगिक (irrelevant) हो सकती है।
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