
Gold Price 2025: सस्ता होगा सोना या 1 लाख रुपये के पार जाएगा भाव, क्या कहते हैं आंकड़े?
Gold Price 2025: पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 25 कैरेट गोल्ड सोमवार को 2,430 रुपये बढ़कर 88,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया था। यह इसका ऑल टाइम हाई लेवल है। पिछले सात कारोबारी सत्रों में सोने के भाव 5,660 रुपये यानी 6.8 फीसदी की तेजी आई है। अभी साल 2025 के डेढ़ महीने भी खत्म नहीं हुए हैं और गोल्ड का रेट 8,910 रुपये यानी 11.22 फीसदी बढ़ चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि सोने की कीमत क्यों बढ़ रही है, क्या सोने का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है और आखिर सोना सस्ता कब होगा?
सोने की कीमतों में तेजी के 5 कारण
टैरिफ वॉर और भू-राजनीतिक तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार टैरिफ लगा रहे हैं। उन्होंने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया है। इससे वैश्विक अनिश्चितता बढ़ी है। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा रखी है। अब वे सोने जैसी असेट का रुख कर रहे हैं, जो दुनिया का सबसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है।
शादी की सीजन में खरीदारी
भारत में सोने की काफी सांस्कृतिक अहमियत है। खासकर, शादियों में दुल्हन और मेहमान गहनों की काफी खरीदारी करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, शादियों के सीजन में गोल्ड की डिमांड बढ़ने का असर कीमतों पर भी दिख रहा है।
रुपये का कमजोर होना
डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है। यह 87 रुपये के पार भी पहुंच गया है। जानकारों का मानना है कि 2025 के आखिर तक डॉलर के मुकाबले रुपया 90 से 92 तक भी गिर सकता है। इससे सोने की कीमतों में और भी तेजी आएगी।
महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता
वैश्विक बाजार में महंगाई दर अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। भारत में बेशक महंगाई आरबीआई की तय सीमा यानी 4 से 6 फीसदी के भीतर है, लेकिन यह भी चिंताजनक स्तर पर बनी हुई है। यही वजह है कि लोग अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
भारत और चीन समेत दुनियाभर के केंद्रीय सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं, ताकि डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी को मजबूत रख सकें। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई और चीन का पीपुल्स बैंक कई तिमाहियों से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं।
क्या सोने का भाव 1 लाख रुपये के पार जाएगा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि निकट भविष्य में सोना 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक बड़े आसानी से पहुंच सकता है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने प्रतिष्ठित अखबार दैनिक भास्कर को बताया है कि भू-राजनीतिक तनाव, टैरिफ वॉर, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व की सख्त नीतियों के चलते सोने का भाव आने वाले महीनों में 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
अगर टैरिफ वॉर गहराता है और चीन के साथ यूरोपीय यूनियन भी अमेरिका के खिलाफ टैरिफ बढ़ाते हैं, तो सोने के भाव में और भी तेजी देखने को मिलेगी। इस सूरत में सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार भी पहुंच सकती है।
सोना आखिर कब सस्ता होगा?
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के मुताबिक, अभी निकट भविष्य में सोने की कीमतों में कोई बड़ी गिरावट आने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल के रुझान बताते हैं कि साल की शुरुआत में सोने की कीमतों में तेजी आती है। यह सिलसिल अप्रैल-मई तक जारी रहता है। इस रुझान की मानें, तो जून से सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है। लेकिन, यह गिरावट टैरिफ वॉर खत्म होने के साथ मुद्रास्फीति और रेट कट जैसे पहलुओं पर निर्भर करेगी। आइए जानते हैं कि सोने की दाम में गिरावट कैसे आ सकती है:
- ब्याज दरों में वृद्धि: अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है, तो सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है। क्योंकि उस वक्त बैंकों में पैसे जमा करने पर ज्यादा कमाई होगी।
- डॉलर की मजबूती: अगर अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। जब भी कोई देश किसी दूसरे देश से गोल्ड खरीदता है तो वह डॉलर में भुगतान करता है। इस वजह से डॉलर के सस्ता होने या महंगे होने से सोने की कीमतों पर भी असर पड़ता है।
- मांग में गिरावट: अगर निवेशक सोने की बजाय अन्य असेट में निवेश करना शुरू कर देते हैं, तो सोने की कीमतें गिर सकती हैं। हालांकि, अभी शेयर मार्केट में अनिश्चितता है, इसलिए ज्यादा पैसा सोने में ही निवेश हो रहा है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सोने में निवेश करना हमेशा बेहतर रहता है। खासकर, अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, तो आपके लिए गोल्ड पर दांव लगाना सबसे सही रहता है। बतौर निवेशक गोल्ड हमेशा आपके पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए। जैसे कि शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर आपने सोने में भी निवेश किया होगा, तो आपका पोर्टफोलियो दूसरे लोगों के मुकाबले कम गिरा होगा। क्योंकि सोने के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। अगर आप फिजिकल गोल्ड नहीं खरीदना चाहते, तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना एक स्मार्ट चॉइस हो सकती है।
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