
Stock Market Crash: शेयर मार्केट में लगातार 8वें दिन दहाड़ा Bear; निवेशकों के 25.31 लाख करोड़ रुपये खाक
मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में मंदड़ियों (Bears) का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में लगातार आठवें दिन गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों को 25.31 लाख करोड़ रुपये (Investor Wealth Loss) का भारी नुकसान हुआ। विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII Sell-off), कमजोर तिमाही नतीजे और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं (Trade War Impact) ने निवेशकों के भरोसे को पूरी तरह से हिला दिया है।
8 दिन में कितना गिरे सेंसेक्स और निफ्टी?
सेंसेक्स – 8 दिनों में 2,644.6 अंक (3.36%) गिरा।
निफ्टी – इसी अवधि में 810 अंक (3.41%) लुढ़का।
शुक्रवार को सेंसेक्स 199.76 अंक (0.26%) गिरकर 75,939.21 पर बंद हुआ, यह लगातार आठवां दिन रहा जब बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 102.15 अंक यानी 0.44% गिरकर 22,929.25 पर बंद हुआ (Sensex Nifty Fall)।
निवेशकों की संपत्ति पर प्रभाव
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैप (Market Cap) 8 दिनों में 25,31,579.11 करोड़ रुपये घटकर 4,00,19,247 करोड़ रुपये (4.61 ट्रिलियन डॉलर) रह गई। शेयर बाजार के कमजोर रुख और टैरिफ वॉर की आशंका को देखते हुए निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजहें?
- विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजार में धड़ाधड़ बिकवाली कर रहे हैं।
- ज्यादातर कंपनियों के तिमाही नतीजे शेयर बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहे।
- डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट आई है। इससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ।अमेरिकी राष्ट्रपति
- डोनाल्ड ट्रंप भारत समेत अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लगा रहे हैं।
ट्रंप के टैरिफ लगाने से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका गहरी हो गई है।
अब आगे क्या होगा?
- विदेशी निवेशकों की वापसी के लिए रुपये में स्थिरता आनी जरूरी है।
- बाजार को समर्थन देने के लिए मजबूत आर्थिक सुधारों की जरूरत है।
- भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को बेहतर बनाना होगा।
- कॉर्पोरेट आय में सुधार आने तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि इस वक्त मार्केट में हद से ज्यादा अस्थिरता है। यह गिरावट कोरोना वाले दौर की याद दिलाती है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे और वैश्विक व्यापार युद्ध आशंका ने निवेशकों के भरोसे को तगड़ी चोट पहुंचाई है। ऐसे में निवेशकों को सजग रहना चाहिए और फिलहाल के लिए कोई बड़ा ट्रेड या निवेश करने से बचना चाहिए।
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