
FPI Selling 2025: आंख बंद करके क्यों बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशक; कब रुकेगा ये सिलसिला?
मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली लगातार जारी है। फरवरी 2025 के पहले दो हफ्तों में ही उन्होंने 21,272 करोड़ रुपये की भारी निकासी की है। इससे पहले जनवरी 2025 में विदेशी निवेशकों ने कुल 78,027 करोड़ की बिकवाली की थी। कुल मिलाकर, 2025 में अब तक FPIs की निकासी 1 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। अगर सटीक आंकड़ा देखें, तो यह 99,299 करोड़ रुपये है।
FPIs की बिकवाली के प्रमुख कारण
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में जमकर बिकवाली कर रहे हैं। आइए इसकी वजह समझ लेते हैं:
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर नए टैरिफ लगाए हैं। उन्होंने कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का भी एलान किया है। इन फैसलों से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है। Morningstar Investment Research India के हिमांशु श्रीवास्तव ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ट्रंप की नीतियां भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए काफी सख्त हैं। यही वजह है कि निवेशक भारी बिकवाली कर रहे हैं।
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी आने का इंतजार
Geojit Financial Services के V K Vijayakumar का मानना है कि जब तक डॉलर इंडेक्स कमजोर नहीं होगा, तब तक FPIs की बिकवाली नहीं थमने वाली है। उन्होंने कहा कि फिलहाल डॉलर इंडेक्स मजबूत बना हुआ है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पूंजी निकाल रहे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था से उठता भरोसा
भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट जारी है। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। साथ ही, कंपनियों की तिमाही नतीजे लगातार कमजोर आ रहे हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। यह फैक्टर विदेशी निवेशकों के भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसे को कम कर रहा है।
डेट मार्केट में FPIs का रुझान
हालांकि, इस अवधि में FPIs ने भारतीय डेट मार्केट में निवेश किया है। उन्होंने 1,296 करोड़ रुपये जनरल डेट लिमिट में डाले हैं। वहीं, 206 करोड़ रुपये वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) में। इससे पता चलता है कि विदेशी निवेशक फिलहाल भारत के इक्विटी मार्केट को लेकर ही चिंतित हैं।
पिछले तीन साल में FPI निवेश का रुझान
साल |
इक्विटी निवेश (Net Inflows/Outflows)
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2023 |
₹1.71 लाख करोड़ (Inflows)
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2024 |
₹427 करोड़ (Inflows)
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2025 (अब तक) |
₹99,299 करोड़ (Outflows)
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सोर्स: FPI Data NSDL
2023 में भारतीय बाजार में FPIs ने भारी निवेश किया था। उन्होंने 2024 में कुछ पैसे लगाए थे। लेकिन, 2025 में विदेशी निवेशकों क पूरा फोकस बिकवाली पर है।
क्या आगे भी जारी रहेगा बिकवाली का दौर?
पीएम नरेंद्र मोदी पिछले दिनों अमेरिका दौरे पर गए थे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लंबी बातचीत भी की। ट्रंप ने फिलहाल टैरिफ मुद्दे पर भारत को कोई राहत नहीं दी है। लेकिन, पीएम मोदी के दौरे से आगे की बातचीत का रास्ता खुल गया है। खासकर, यह देखते हुए कि भारत ने ट्रंप की मांग के अनुसार कई अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ घटाया है। साथ ही, अमेरिका के साथ व्यापार घाटा कम करने के लिए बहुत-सी खरीदने की बात भी कही है। एक्सपर्ट का मानना है कि इन सब चीजों को देखते हुए ट्रंप भारत को कुछ रियायत देने पर विचार कर सकते हैं।
अगर ट्रंप भारत को टैरिफ मामले में कोई राहत देते हैं, तो विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में वापसी कर सकते हैं। अगर अमेरिकी मौद्रिक नीति में नरमी आती है, तो भी FPIs की वापसी मुमकिन है। विदेशी निवेशकों की नजर भारतीय अर्थव्यवस्था और रुपये की मजबूती पर भी रहेगी। वैश्विक आर्थिक तनाव, अमेरिकी नीतियां और घरेलू आर्थिक कारकों के चलते विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से दूरी बनाई है। हालांकि, भारतीय डेट मार्केट में निवेश जारी है, जिसके पता चलता है कि कुछ हद तक निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
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