Elon Musk की Tesla की वजह से ऑटो स्टॉक्स धड़ाम, किस खौफ से डर रही हैं भारतीय कार कंपनियां?

मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। ऑटो सेक्टर के शेयरों में शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली। कई दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियों के स्टॉक एकदम से धड़ाम हो गए। महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयरों में सबसे अधिक 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। आइए जानते हैं कि ऑटो सेक्टर के शेयरों में गिरावट क्यों आई है और निवेशकों को क्या करना चाहिए।

ऑटो सेक्टर में गिरावट की वजह

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर आयात शुल्क 110 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने पर विचार कर रही है। इससे भारतीय ऑटो कंपनियों को विदेशी कंपनियों, खासकर एलन मस्क की Tesla से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। इसका सीधा असर कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे पर पड़ेगा। यही वजह है विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के साथ भारतीय निवेशकों ने भी ऑटो स्टॉक्स में जमकर बिकवाली की।

ट्रंप और मस्क की वजह से गिरे शेयर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही अमेरिका गए थे। वहां पर उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के मालिक एलन मस्क से मुलाकात की थी। वहां पर ट्रंप ने पीएम मोदी के सामने अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ का मुद्दा उठाया था। उसके बाद भारत ने विदेशी सामानों पर टैरिफ घटाने के उपाय किए हैं। इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर आयात शुल्क 110 से घटाकर 15 फीसदी करने की चर्चा भी उसी के बाद उठी है।

बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला भारत में डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) बिजनेस से एंट्री कर सकती है। इसका मतलब है कि कंपनी भारत में कार बनाने की जगह सीधा अमेरिका से इंपोर्ट कर अपने भारतीय स्टोर्स से बेचेगी। उसने भारत में हायरिंग भी शुरू कर दी है।

किन-किन कंपनियों के शेयर गिरे?

कंपनी गिरावट
महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) 6.07%
टीवीएस मोटर कंपनी 3.81%
एक्साइड इंडस्ट्रीज 2.64%
अपोलो टायर्स 2.49%
टाटा मोटर्स 2.46%
अशोक लीलैंड 2.05%
हीरो मोटोकॉर्प 1.45%
बजाज ऑटो 1.40%
मारुति सुजुकी इंडिया 0.94%
MRF 0.71%

BSE ऑटो इंडेक्स में 2.60% की गिरावट दर्ज की गई और यह 48,135.32 के स्तर पर बंद हुआ।

ऑटो स्टॉक्स में गिरावट पर एक्सपर्ट की राय?

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च सिद्धार्थ खेमका ने ऑटो सेक्टर में गिरावट पर गहराई से बात की। उन्होंने कहा, “Tesla अप्रैल 2025 से भारत में अपनी खुदरा बिक्री शुरू करने की योजना बना रही है। इससे भारत के प्रीमियम EV मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार नई EV नीति लाने की तैयारी कर रही है। इसमें विदेशी EV कंपनियों के लिए आयात शुल्क कम किया जा सकता है। इस कारण ऑटो सेक्टर में गिरावट देखी गई।”

स्टॉक्सबॉक्स के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक Ameya Ranadive ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “ऑटोमोबाइल शेयरों और वित्तीय सेवाओं में भारी गिरावट आई। इसके पीछे अमेरिकी टैरिफ चिंताओं और FIIs की लगातार बिकवाली मुख्य कारण रहे।”

EV पॉलिसी क्या कंपनियों पर क्या असर होगा?

सरकार अगर EV इंपोर्ट ड्यूटी को 110 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करती है, तो इससे विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार में घुसने का बड़ा मौका मिलेगा। Tesla और अन्य वैश्विक EV निर्माताओं को इसका सीधा फायदा होगा।

भारतीय कंपनियों पर कैसे पड़ेगा असर?

  • भारतीय कंपनियों पर दबाव: टाटा मोटर्स, महिंद्रा और मारुति जैसी कंपनियों को अपनी EV रणनीति में बदलाव करना होगा।
  • प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी: वैश्विक कंपनियों के आने से घरेलू EV बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा होगी।
  • उपभोक्ताओं को फायदा: EV की कीमतें कम हो सकती हैं, जिससे ग्राहकों को सस्ती इलेक्ट्रिक कारें मिलेंगी।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

सरकार की EV नीति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच ऑटो शेयरों में गिरावट देखी गई है। Tesla के भारत में एंट्री करने से टाटा मोटर्स, महिंद्रा और अन्य ऑटो कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, लंबी अवधि में यह नीति भारतीय ऑटो बाजार को और विकसित कर सकती है। इससे भारतीय कंपनियों की प्रोडक्ट क्वालिटी बेहतर हो सकती है और उनके लिए दूसरे मार्केट भी खुल सकते हैं। इसलिए निवेशकों को जल्दबाजी में फैसला लेने के बजाय लंबी अवधि की संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए।

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Piyush Kumar
Piyush Kumar

पीयूष कुमार एक अनुभवी बिजनेस जर्नलिस्ट हैं, जिन्होंने Banaras Hindu University (BHU)
से शिक्षा ली है। वे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। वित्त, शेयर बाजार और निवेश रणनीतियों पर उनकी गहरी पकड़ है। उनकी रिसर्च-बेस्ड लेखनी जटिल फाइनेंशियल विषयों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती है। पीयूष को फिल्में देखने और क्रिकेट खेलने का शौक है।

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