8th Pay Commission: पेंशनर्स को मिलेगी खुशखबरी! न्यूनतम सैलरी के बराबर हो सकती है पेंशन

मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। 8th Central Pay Commission: 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की चर्चा तेज हो गई है। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन को महंगाई और दूसरे फैक्टर के हिसाब से बढ़ाने की सिफारिश करेगा। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चला, तो 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं।

लेकिन 8वें वेतन आयोग के सामने सबसे बड़ा सवाल वही है, जो पहले भी 7वें वेतन आयोग के दौरान चर्चा में आया था- क्या न्यूनतम पेंशन को न्यूनतम वेतन के बराबर किया जाना चाहिए?

क्या न्यूनतम पेंशन = न्यूनतम वेतन होनी चाहिए?

जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब भी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने पेंशन की न्यूनतम राशि को वेतन के न्यूनतम स्तर के बराबर करने की मांग की थी। उस समय ₹3,500 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन को काफी कम माना जा रहा था। सरकारी कर्मचारियों और यूनियनों का कहना था कि न्यूनतम वेतन जितना ही न्यूनतम पेंशन होना चाहिए, ताकि पेंशनभोगियों को अपने जीवनयापन के लिए पर्याप्त आर्थिक मदद मिल सके।

7वें वेतन आयोग का रुख क्या था?

जब यह मुद्दा 7वें वेतन आयोग (7th Central Pay Commission) के सामने आया, तो आयोग ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन आने वाले पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) से इस पर राय मांगी। DoPPW ने बताया कि 5वें वेतन आयोग के बाद सरकार ने न्यूनतम पेंशन ₹1,275 तय की थी। इसके बाद, 6वें वेतन आयोग में इसे ₹3,500 कर दिया गया, जो पहले के ₹1,275 का लगभग 2.26 गुना था।

हालांकि, 7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम पेंशन को न्यूनतम वेतन के बराबर करने की सिफारिश नहीं की। लेकिन आयोग ने यह जरूर सुनिश्चित किया कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन ₹3,500 से बढ़ाकर ₹9,000 कर दी जाए। इस फैसले के पीछे आयोग का तर्क था कि पेंशन को 2.57 के फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से बढ़ाया जाए। इसी आधार पर न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह और न्यूनतम पेंशन ₹9,000 प्रति माह निर्धारित की गई।

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वेतन और पेंशन का तुलनात्मक विश्लेषण:

वेतन आयोग न्यूनतम वेतन (₹) न्यूनतम पेंशन (₹) फिटमेंट फैक्टर
5वां CPC 7,000 1,275 2.26
6वां CPC 18,000 3,500 2.26
7वां CPC 18,000 9,000 2.57

8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें हैं?

अब जब 8वें वेतन आयोग के गठन की तैयारियां हो रही हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आयोग न्यूनतम वेतन और न्यूनतम पेंशन के बीच संतुलन बनाने को लेकर क्या सिफारिशें करता है। एक्सपर्ट का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में पेंशन को न्यूनतम वेतन के बराबर करने की मांग फिर से उठ सकती है। अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹12,000 – ₹14,000 तक हो सकती है।

इसके अलावा, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 30% तक की बढ़ोतरी संभव है।

क्या कह रहे हैं कर्मचारी और पेंशनभोगी?

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कहना है कि मौजूदा महंगाई के दौर में ₹9,000 की न्यूनतम पेंशन बहुत कम है। दिल्ली के एक रिटायर्ड कर्मचारी राजेश चौहान ने MoneySoney से बातचीत में कहा, “महंगाई लगातार बढ़ रही है। दवाइयों, किराए और रोजमर्रा की जरूरतों के खर्चे आसमान छू रहे हैं। ऐसे में ₹9,000 की पेंशन में गुजारा करना बेहद मुश्किल है। 8वें वेतन आयोग को न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर कम से कम ₹15,000 करना चाहिए।”

पेंशनभोगी एसोसिएशन की भी यही मांग है। उनकी दलील है कि अगर न्यूनतम वेतन ₹18,000 हो सकता है, तो पेंशन भी उतनी ही होनी चाहिए। आखिरकार, पेंशनभोगी भी वही खर्च करते हैं जो एक कर्मचारी करता है। आर्थिक जानकार भी न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति कम होने से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

क्या कहती है सरकार?

सरकार जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोग का गठन 2025 के अंत तक हो सकता है। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

सरकार ने अभी तक न्यूनतम पेंशन को न्यूनतम सैलरी के बराबर करने की मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सरकार यह देख रही है कि क्या वेतन आयोग को हर 10 साल के बजाय हर 5 साल में लागू किया जाए, ताकि महंगाई को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाई जा सके।

प्रमुख स्रोत (Sources):

  • 7वें वेतन आयोग की आधिकारिक रिपोर्ट (7th CPC Report)
    Source: Ministry of Finance, Government of India
  • वेतन आयोग से संबंधित सरकार के दिशा-निर्देश और अपडेट्स
    Source: Department of Personnel & Training (DoPT)
  • पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के दस्तावेज
    Source: Department of Pension & Pensioners’ Welfare (DoPPW)

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Piyush Kumar
Piyush Kumar

पीयूष कुमार एक अनुभवी बिजनेस जर्नलिस्ट हैं, जिन्होंने Banaras Hindu University (BHU)
से शिक्षा ली है। वे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। वित्त, शेयर बाजार और निवेश रणनीतियों पर उनकी गहरी पकड़ है। उनकी रिसर्च-बेस्ड लेखनी जटिल फाइनेंशियल विषयों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती है। पीयूष को फिल्में देखने और क्रिकेट खेलने का शौक है।

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