IPO मार्केट में सन्नाटा! क्यों घबरा रही हैं कंपनियां, कब लौटेगा जोश?

IPO Market Slowdown India: 2024 में भारत का आईपीओ पूरी तरह से गुलजार रहा। BSE के डेटा के मुताबिक, पिछले साल भारतीय शेयर बाजार में 335 आईपीओ आए थे। वहीं, इससे पहले 2023 में कुल मिलाकर 239 मेनबोर्ड और एसएमई आईपीओ बाजार में लिस्ट हुए थे। लेकिन, 2025 की शुरुआत में IPO बाजार में एकदम से सुस्ती (IPO Activity Slowdown) आ गई है। पिछले तीन हफ्तों में कोई भी मेन-बोर्ड IPO लिस्ट नहीं हुआ है। आइए जानते हैं कि आईपीओ मार्केट क्यों ठंडा पड़ गया है और यह दोबारा कब गुलजार होगा।

IPO लिस्टिंग का लेटेस्ट डेटा

महीना
IPO लिस्टिंग की संख्या
दिसंबर 2024 16
जनवरी 2025 5
फरवरी 2025 4
मार्च 2025 (पहला हफ्ता) 0

सोर्स: BSE

Quality Power Electrical Equipment Ltd वह आखिरी कंपनी थी, जिसके IPO के लिए 14 फरवरी को तीन दिन का बिड प्रोसेस शुरू हुआ था। इसके बाद से कोई भी बड़ी लिस्टिंग नहीं हुई है।

IPO वापस लेने वाली कंपनियां

शेयर मार्केट में फिलहाल काफी अस्थिरता दिख रही है। इसके कारण तीन कंपनियों ने अपने IPO प्लान को वापस ले लिया है:

  • Advanced Sys-tek
  • SFC Environmental Technologies
  • Viney Corporation

ये कंपनियां जनवरी और फरवरी में अपने ड्राफ्ट पेपर वापस ले चुकी हैं।

2024 में IPO मार्केट का रिकॉर्ड प्रदर्शन

2024 में कुल 91 कंपनियों ने IPO के जरिए ₹1.6 लाख करोड़ जुटाए। यह उछाल रिटेल निवेशकों की भागीदारी, मजबूत अर्थव्यवस्था, और निजी पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी की वजह से आया था।

IPO में गिरावट के पीछे की वजहें

  • सेकेंडरी मार्केट में करेक्शन: जनवरी-फरवरी में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। इससे नए IPOs को कम निवेशक मिले।
  • कंपनियों की सतर्कता: स्टॉक मार्केट में हालिया मंदी के कारण कंपनियां अपने IPO वैल्यूएशन को लेकर संशय में हैं।
  • मौजूदा पोर्टफोलियो पर ध्यान: निवेशक नई लिस्टिंग के बजाय अपने मौजूदा होल्डिंग्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
  • FIIs (Foreign Institutional Investors) की बिकवाली: विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी से बाजार में दबाव बना हुआ है।
  • ग्लोबल फैक्टर्स: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के साथ यूरोप व चीन की आर्थिक सुस्ती का असर भी भारतीय IPO बाजार पर दिख रहा है।

Equirus के मैनेजिंग डायरेक्टर भावेश शाह का कहना है, “मौजूदा IPO गतिविधि की सुस्ती का मुख्य कारण सेकेंडरी मार्केट में गिरावट है। निवेशक फिलहाल नए शेयरों की बजाय अपने मौजूदा पोर्टफोलियो पर ध्यान दे रहे हैं।” एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनियों को IPO का वैल्यूएशन सही करने की भी जरूरत है। अगर निवेशकों को आईपीओ में मुनाफे की गुंजाइश दिखेगी, तभी उनका भरोसा वापस बहाल होगा।

IPO आने का सिलसिला कब तेज होगा?

  • भले ही फिलहाल IPO एक्टीविचीज धीमी है, लेकिन IPO पाइपलाइन मजबूत बनी हुई है। कई बड़े आईपीओ आने वाले हैं।
  • 45 कंपनियों को सेबी की मंजूरी मिल चुकी है, जो ₹67,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही हैं।
  • 69 कंपनियां सेबी की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रही हैं, जिनका कुल IPO साइज ₹1.15 लाख करोड़ का हो सकता है।
  • Knowledge Realty Trust आईपीओ लाने की तैयारी में हैं। इसका साइज ₹6,200 करोड़ हो सकता है।
  • Knowledge Realty Trust को Sattva Group & Blackstone से फंडिंग मिली है।
  • टाटा ग्रुप की टाटा कैपिटल भी जल्द आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।

भावेश शाह का कहना है कि IPO बाजार अगले कुछ महीनों में स्थिरता की ओर बढ़ सकता है। बाजार की स्थिति ठीक होते ही कंपनियां दोबारा IPOs लाना शुरू करेंगी। उस वक्त निवेशक भी आईपीओ में फिर से दिलचस्पी लेने लगेंगे।

IPO निवेशकों को क्या करना चाहिए।

निवेशकों को IPO में पैसे लगाने के मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्हें शेयर बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए। अगर किसी कंपनी के आईपीओ में निवेश कर रहे हैं, तो उसके फंडामेंटल का अच्छे एनालिसिस करें। कमजोर फंडामेंटल वाली कंपनियों से दूर रहे हैं, क्योंकि उनमें नुकसान होने का जोखिम रहेगा। अगर कोई कंपनी आकर्षक प्राइसिंग के साथ आती है, तो उसे प्राथमिकता दें। निवेशकों को वैश्विक और घरेलू संकेतकों पर नजर चाहिए, जैस कि ब्याज दर, FII मूवमेंट और सेक्टर-वाइज ग्रोथ। इससे आपको निवेश का फैसला लेने में आसानी होगी।

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Shubham Singh
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