Gensol Engineering में स्कैम? 70 फीसदी से ज्यादा गिरा शेयर, क्या दिवालिया हो जाएगी कंपनी?

Gensol Engineering Share Crash Explained: जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) के शेयरों में पिछले 10 ट्रेडिंग सेशन से भारी गिरावट जारी है। सोमवार (10 मार्च) को इंट्राडे ट्रेडिंग में इसके शेयर में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा और यह 305.80 रुपये (gensol engineering share price) पर बंद हुआ। Mint की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Gensol Engineering के शेयर पिछले 10 सेशन से करीब 47 फीसदी तक गिर चुके हैं। आइए जानते हैं कि Gensol Engineering के शेयर क्रैश होने की क्या है, इसके प्रमोटर हिस्सेदारी क्यों बेच रहे हैं और क्या यह कंपनी दिवालिया हो जाएगी।

Gensol Engineering के बुरे दिन कैसे शुरू हुए?

जेनसोल इंजीनियरिंग के बुरे दिन तब शुरू हुए, जब दो प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, ICRA और Care Ratings उसकी क्रेडिट रेटिंग घटाकर “D” (डिफॉल्ट जोन) कर दी। इसका मतलब है कि कंपनी अपने कर्ज चुकाने में संघर्ष कर रही है और वह दिवालिया भी हो सकती है।

जेनसोल इंजीनियरिंग पर ₹1,146 करोड़ का भारी कर्ज है, जबकि इसकी इक्विटी और रिज़र्व सिर्फ ₹589 करोड़ हैं, जिससे इसका Debt-to-Equity Ratio 2x हो जाता है। यह गंभीर वित्तीय दबाव का संकेत देता है। Gensol Engineering ने रेटिंग डाउनग्रेड पर आधिकारिक प्रतिक्रिया भी दी। उसका कहना है कि लिक्विडिटी प्रेशर अस्थायी है और इसे कस्टमर पेमेंट्स और एसेट बेचकर सुलझाया जाएगा। कंपनी लगातार दावा कर रही थी कि वह अपने सभी कर्ज चुका रही है, लेकिन अब यह बात सवालों के घेरे में आ गई है

फंडिंग की किल्लत और कैश फ्लो संकट

Gensol के पास ₹7,000 करोड़ की ऑर्डर बुक है, लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए उसे भारी निवेश की जरूरत है। कंपनी ने मार्च 2024 तक ₹244 करोड़ जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक सिर्फ ₹140 करोड़ ही जुटा पाई है। बाकी फंडिंग दिसंबर 2025 तक टाल दी गई, जिससे उसकी नकदी की स्थिति और खराब हो गई है।

प्रमोटर्स ने क्यों बेचे शेयर?

Gensol Engineering के प्रमोटर ने शुक्रवार (7 मार्च) को कंपनी के 2.37 फीसदी इक्विटी शेयर (करीब 9,00,000 शेयर) बेचे थे। इससे कंपनी के भविष्य को लेकर निवेशकों की चिंता काफी बढ़ गई थी। हालांकि, Gensol Engineering ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि प्रमोटर्स ने 9 लाख शेयर बेचकर जो पूंजी जुटाई है, उसे फिर से कंपनी में लगाया जाएगा।

यह निवेश इक्विटी इन्फ्यूजन के रूप में किया जाएगा ताकि बैलेंस शीट को मजबूत किया जा सके और फाइनेंशियल स्थिरता बरकरार रखी जा सके। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस स्टेक सेल से जो फंड मिलेगा, उससे कहीं ज्यादा रकम 18 जून 2024 को होने वाले वारंट सब्सक्रिप्शन राउंड में निवेश की जाएगी। इस लेन-देन के बाद प्रमोटर होल्डिंग घटकर 59.70% रह गई है।

सबसे चिंता की बात यह है कि Gensol के प्रमोटर्स ने अपनी 82% हिस्सेदारी कर्ज के लिए गिरवी रख दी है, जो सितंबर 2024 में 80% थी। जब शेयर गिरते हैं, तो लेंडर्स अधिक सिक्योरिटी की मांग करते हैं या शेयर बेचना शुरू कर देते हैं, जिससे स्टॉक और गिर सकता है। Gensol की सहायक कंपनी BluSmart Mobility भी घाटे में चल रही है और हाल ही में NCDs (Non-Convertible Debentures) पर डिफॉल्ट कर चुकी है, जिससे Gensol की स्थिति और कमजोर हो गई है।

Gensol Engineering के शेयरों का हाल

सोमवार (10 मार्च) को Gensol Engineering के शेयर 305.80 रुपये तक गिर गए। यह अपने 52-वीक लो ₹303 के बेहद करीब है। यह गिरावट जून 2024 में ₹1,125.75 के ऑल-टाइम हाई से 73% की भारी गिरावट को बताती है। 2025 में अब तक इस स्टॉक ने 60 फीसदी का नुकसान दर्ज किया है। पिछले एक ही महीने में स्टॉक की कीमत 58 फीसदी तक गिर गई है। इससे पता चलता है कि Gensol Engineering के भविष्य को लेकर निवेशक किस कदर परेशान हैं।

बोर्ड मीटिंग में होंगे बड़े फैसले

Gensol Engineering के बोर्ड की 13 मार्च को अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें स्टॉक स्प्लिट और फंड रेजिंग ऑप्शन्स जैसे अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इसमें कुछ खास विषयों पर चर्चा होगी:

  • नए इक्विटी शेयर या अन्य सिक्योरिटीज जारी कर फंड जुटाना।
  • शेयर स्प्लिट या सब-डिवीजन का प्रस्ताव।
  • EGM (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग) बुलाने की प्रक्रिया।

लीडरशिप में भी हुआ बदलाव

हाल ही में कंपनी के CFO अंकित जैन ने पद छोड़ा, जिनकी जगह अब जाबिर मेहंदी मोहम्मद रजा आगा को नया CFO बनाया गया है। यह बदलाव कंपनी के भीतर चल रही उथल-पुथल की ओर इशारा करता है।

Gensol Engineering संकट से उबर पाएगी?

Gensol ने सफाई दी है कि यह सिर्फ कैश फ्लो मिसमैच की समस्या है और कोई फाइनेंशियल मिस-रिपोर्टिंग नहीं हुई है। उसने ₹230 करोड़ का कर्ज चुकाने और ₹665 करोड़ का कर्ज कम करने की योजना की घोषणा भी की है। हालांकि, निवेशक अब भी आश्वस्त नहीं हैं, क्योंकि स्टॉक में गिरावट जारी है। सवाल यह उठता है कि जब ये समस्याएं पहले से थीं, तो रेटिंग एजेंसियों और बाज़ार ने पहले से संकेत क्यों नहीं दिए? और क्या प्रमोटर्स अपनी खुद की पूंजी लगाकर निवेशकों को भरोसा दिला पाएंगे?

Gensol Engineering 2012 में स्थापित हुई थी। यह सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में काम करती है। लेकिन हालिया संकट और क्रेडिट डाउंग्रेड से कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति कमजोर हुई है। अब सभी की निगाहें 13 मार्च की बोर्ड मीटिंग पर टिकी हैं, जहां स्टॉक स्प्लिट और फंड रेजिंग पर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। निवेशकों को उम्मीद है कि कंपनी इन कदमों से अपनी बैलेंस शीट मजबूत कर पाएगी और शेयरों की गिरावट पर अंकुश लगेगा।

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Shubham Singh
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