
Cancer Cure: कैंसर लाइलाज क्यों है, क्या दवा कंपनियां जानबूझकर नहीं खोज रहीं इलाज?
Why cancer cannot be cured: कैंसर एक जटिल बीमारी है, जिसका इलाज पूरी तरह से मुमकिन नहीं हो पाया है। कई लोगों का मानना है कि दवा कंपनियां जानबूझकर कैंसर के इलाज की खोज नहीं होने देना चाहती हैं, क्योंकि इससे उनका धंधा चौपट हो जाएगा। इसे साजिश वाला सिद्धांत (Conspiracy theory) कहा जाता है। आइए इस लेख में समझते हैं कि कैंसर के इलाज पर कितना खर्च होता है और क्या दवा कंपनियां सच में कैंसर का इलाज नहीं होने देना चाहती हैं। इसे हम वैज्ञानिक तथ्यों, शोध, और फार्मा इंडस्ट्री के नजरिए से समझेंगे।
क्या कैंसर का इलाज मुमकिन नहीं है?
वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए कई तरीके ईजाद किए हैं। ये शुरुआती दौर में कैंसर को खत्म कर सकते हैं या फिर उसकी रफ्तार को धीमा कर सकते हैं, जैसे कि
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
- सर्जरी (Surgery)
- टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy)
कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है या नहीं?
- अगर कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता लग जाए तो इलाज संभव है।
- कुछ कैंसर पूरी तरह ठीक किए जा सकते हैं, कुछ को सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है।
- कई नई दवाएं आने के बावजूद कैंसर का इलाज अभी धीमी और महंगी प्रक्रिया है।
क्या Pharma Industry कैंसर का इलाज रोक रही हैं?
यह काफी चर्चित साजिश वाली थ्योरी है कि दवा कंपनियां जानबूझकर कैंसर का इलाज नहीं ढूंढ रही हैं, क्योंकि इससे उनकी अरबों डॉलर की कमाई प्रभावित होगी। लेकिन, क्या ये सच है? आइए इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
फैक्ट 1: दवा कंपनियां नए इलाज पर भारी निवेश कर रही हैं
फार्मा कंपनियां और वैज्ञानिक कैंसर के लिए नई दवाएं और थेरेपी विकसित करने में अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, mRNA वैक्सीन तकनीक को अब कैंसर के इलाज में इस्तेमाल करने पर रिसर्च हो रही है।
2023 में Pfizer, Moderna और अन्य कंपनियां कैंसर वैक्सीन पर काम कर रही हैं, जो 2030 तक आ सकती है।
फैक्ट 2: कैंसर के इलाज पर सरकारी संस्थाएं भी काम कर रही हैं
WHO (World Health Organization) और NIH (National Institutes of Health, USA) जैसी संस्थाएं कैंसर के इलाज के लिए नई रिसर्च और टेस्ट कर रही हैं।
भारत में ICMR (Indian Council of Medical Research) और Tata Memorial Hospital कैंसर पर रिसर्च कर रहे हैं।
फैक्ट 3: कुछ कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं
ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, और ब्लड कैंसर के कुछ प्रकार हैं, जिनका इलाज अब मुमकिन है।
CAR-T Cell Therapy जैसी नई तकनीकों से कई कैंसर मरीज ठीक हो रहे हैं।
कैंसर का इलाज इतना महंगा क्यों है?
- कैंसर की दवाएं और इलाज काफी महंगे होते हैं। इसकी कुछ अहम वजहें हैं:
- नई दवाएं और रिसर्च पर अरबों डॉलर खर्च होते हैं।
- एक नई दवा को बाजार में लाने में 10-15 साल तक का समय लग सकता है।
- कैंसर का इलाज Personalized Medicine पर निर्भर है, जिससे लागत बढ़ जाती है।
- बड़ी दवा कंपनियां पेटेंट लेकर कीमतें ऊंची रखती हैं।
सरकार सस्ता कर रही है कैंसर का इलाज
- भारत में जन औषधि केंद्र और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY – आयुष्मान भारत) के तहत कैंसर का इलाज सस्ता करने की कोशिश हो रही है।
- जेनेरिक दवाओं (Generic Medicines) को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि महंगे ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम हो।
क्या कैंसर का परमानेंट इलाज जल्द आएगा?
- विज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है और ऐसे में कैंसर का परमानेंट इलाज मिलने की संभावना है।
- mRNA कैंसर वैक्सीन पर Pfizer & Moderna रिसर्च कर रहे हैं।
- AI (Artificial Intelligence) से बेहतर कैंसर डायग्नोसिस हो रहा है।
- CRISPR जीन एडिटिंग तकनीक से कैंसर के जीन को बदला जा सकता है।
- इम्यूनोथेरेपी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है
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