Explained: जियो, एयरटेल के लिए खतरा बनेगी स्टारलिंक? क्या भारत में गलेगी Elon Musk की दाल
Elon Musk Starlink India Entry: दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क (Elon Musk) लंबे समय से भारतीय बाजार में एंट्री की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिकी अरबपति मस्क पहले इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला (Elon Musk Tesla in India) के साथ भारतीय बाजार में दस्तक देने वाले थे। उनका 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारत आना तकरीबन तय भी हो गया था। लेकिन, आखिरी मौके पर मस्क ने भारत आने का प्लान कैंसिल कर दिया। अब मस्क अपनी सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड कराने वाली स्टारलिंक के साथ भारत (Elon Musk Starlink in India) आना चाहते हैं। स्टारलिंक का सीधा मुकाबला अरबपति कारोबारी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो (Mukesh Ambani Reliance Jio) और सुनील मित्तल की भारती एयरटेल के साथ होगा। आइए जानते हैं कि स्टारलिंक क्या रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के लिए खतरा बनेगी।
एलन मस्क की स्टारलिंक क्या करती है?
मस्क की ही एक अन्य कंपनी SpaceX नेस्टारलिंक को बनाया है। यह सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराती है। इसके लिए स्टारलिंक लो-अर्थ आर्बिट सैटेलाइट का यूज करती है। यह हजारों छोटे सैटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कराती है। इसका इस्तेमाल युद्ध या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सूचना पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है। एलन मस्क पूरी दुनिया में स्टारलिंक की सर्विस पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए वह धरती की निचली कक्षा में 42 हजार सैटेलाइट स्थापित करना चाहते हैं। इसका मकसद कनेक्टविटी और स्पीड को बढ़ाना है। इसके लिए फिजिकल नेटवर्क यानी टावर की जरूरत नहीं होती है।
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स्टारलिंक को कौन चीजें खास बनाती हैं?
- स्टारलिंक दूरदराज के इलाकों में सर्विस दे सकता है, जहां अभी फोन कॉल और इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
- इससे जंगल या रेगिस्तानी क्षेत्र में रहने वालों को भी काफी फायदा हो सकता है।
- कई आबादी वाले इलाकों में टावर ऑपरेट करना आर्थिक तौर पर फायदेमंद नहीं रहता है।
- इस तरह के इलाकों में भी स्टारलिंक की सर्विस काफी उपयोगी साबित हो सकती है।
- स्टारलिंक रिमोट वर्कर्स, ट्रैवलर्स और ट्रैकिंग करने वाले के लिए भी गेम-चेंजर साबित होगा।
- एलन मस्क ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में स्टारलिंक की सुविधा दी थी, जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई।
स्टारलिंक की सर्विस के नुकसान क्या हैं?
- यह अन्य इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के मुकाबले महंगी हो सकती है।
- सैटेलाइट सिग्नल मौसम जैसे कारणों से प्रभावित हो सकता है।
- स्टारलिंक पर इंटरनेट बैन का भी कोई असर नहीं होगा।
- चरमपंथी औऱ विद्रोही धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या जियो-एयरटेल के लिए स्टारलिंक खतरा बनेगी?
स्टारलिंक की अपनी कई खासियतें है, लेकिन इसका रिलायंस जियो या फिर भारती एयरटेल के लिए खतरा बनना कम से कम अभी के लिए तो मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, स्टारलिंक और भारतीय टेलीकॉम कंपनियों की प्राइसिंग में भारी अंतर। एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) ने एक रिसर्च नोट बताया कि जियो और एयरटेल का एवरेज मंथली टैरिफ 10 से 13 डॉलर (करीब 843 से 1,096 रुपये के बीच) है। वहीं स्टारलिंक (starlink price) का एवरेज मंथली टैरिफ 40 से 50 डॉलर (लगभग 3,373 से 4,217 रुपये के बीच) है। इसका मतलब कि स्टारलिंक का खर्च जियो और एयरटेल के ब्रॉडबैंड की तुलना में 4 गुना अधिक है।
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जियो और एयरटेल को अभी स्टारलिंक से दिक्कत क्यों नहीं होगी?
भारत के उपभोक्ता सबसे ज्यादा अहमियत कीमत को देते हैं। कुछ महीने पहले जब जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने टैरिफ प्लान का रेट बढ़ाया था, तो उपभोक्ता सरकारी टेलीकॉम BSNL में पोर्ट कराने लगे थे। इसकी वजह बस इतनी थी कि बीएसएनएल ने अपने प्लान के दाम नहीं बढ़ाए थे, जबकि BSNL की सर्विस क्वॉलिटी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले बेहद कमजोर है। इससे पता चलता है कि भारतीय उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग एलन मस्क की स्टारलिंक को भाव नहीं देने वाला है।
अगर एलन मस्क ने प्राइस वॉर छेड़ दी तो क्या होगा?
मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को लाकर टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वॉर छेड़ दी थी। उन्होंने मुफ्त कॉल और डेटा की सुविधा देकर कई टेलीकॉम कंपनियों का बिजनेस ही खत्म कर दिया। एलन मस्क भी भारत जैसे बड़े बाजार में अपनी पकड़ बनाने के लिए यही पैंतरा अपना सकते हैं। वह स्टारलिंक की सर्विस को काफी कम कीमत में ऑफर कर सकते हैं। लेकिन, उनके सामने अपने ही मुल्क के अरबपति कारोबारी और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस (Amazon founder Jeff Bezos) की चुनौती होगी। बेजोस की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस अमेजन कुइपर भी भारतीय बाजार में एंट्री के लिए तैयार है। ऐसे में स्टारलिंक की अमेजन कुइपर (amazon kuiper vs starlink) से सीधी टक्कर हो सकती है।
साथ ही, मुकेश अंबानी की जियो और सुनील मित्तल की एयरटेल में इतना दमखम तो है ही कि वे स्टारलिंक और अमेजन कुइपर के प्राइस वॉर का मुकाबला कर सकें। अगर प्राइस वॉर छिड़ती है, तो सबसे अधिक फायदा यूजर्स का ही होगा। उन्हें सस्ते में इंटरनेट सर्विस इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।
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