
History of Mango: 5000 साल पुराना इतिहास, वेदों में भी जिक्र; जानिए फलों के राजा की पूरी कहानी
History of Mango: गर्मियों का मौसम आते ही बाजारों में रंग-बिरंगे आम दिखाई देने लगते हैं। घरों में आमरस बनने लगता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के हाथों में आम दिखते हैं। हर तरफ इसकी खुशबू फैली होती है। यह फलों का राजा सिर्फ स्वाद के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि इतिहास, राजनीति और शाही दस्तरखानों का भी अहम हिस्सा रहा है? यह वही आम है जिसने बादशाहों को मोहित किया और कूटनीति का अहम हिस्सा बना। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आम दुनिया में कब और कैसे आया? आइए आम पूरा इतिहास जानते हैं।
कितना पुराना है आम का इतिहास?
अगर इतिहास के पन्ने पलटें, तो आम की जड़ें 5000 साल पहले भारत (Mango in India) में मिलती हैं। नेशनल मैंगो बोर्ड के अनुसार, आम की उत्पत्ति भारत में हुई और यहीं से यह धीरे-धीरे दुनिया के अन्य हिस्सों में फैला। भारतीय ग्रंथों में इसे ‘आम्र’ नाम दिया। यह न सिर्फ खाने के लिए बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों और आयुर्वेद (Mango Cultural Significance) का भी अहम हिस्सा था। ऋषि-मुनि इसकी छांव में ध्यान लगाते थे। महात्मा बुद्ध के भी आम के बागों में समय बिताने का जिक्र मिलता है। उन्होंने और उनके शिष्यों ने आम को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया।
हड़प्पा सभ्यता (2500-1500 ईसा पूर्व) की खुदाई में आम के बीज मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यह फल उस समय भी खाया जाता था। आम के बीज समय के साथ यात्रियों और व्यापारियों के साथ दुनिया के दूसरे हिस्सों में पहुंचे। करीब 300 ईस्वी में आम का सफर भारत से फारस, फिर मध्य पूर्व और पूर्वी अफ्रीका तक पहुंचा। मसाला व्यापारियों ने इसे पश्चिमी दुनिया में पहुंचाया और इसके लजीज स्वाद को विदेशी जुबान ने भी पसंद किया।
फिर आया 1498, जब पुर्तगाली व्यापारी भारत के तट पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि आम का क्या ही जलवा है। पुर्तगाली व्यापारियों ने आम को यूरोप ले जाने की ठानी। यही कारण है कि आज हम ‘अल्फांसो’ जैसी आम की किस्मों को देखते हैं। इसे वापस पुर्तगाली व्यापारी ही लाए थे। स्पेनिश खोजकर्ता 1600 के दशक में इसे दक्षिण अमेरिका और मेक्सिको ले गए और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में मशहूर हो गया।
आम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अहमियत
आम को संस्कृत में अम्र-फल कहा गया है। हिंदू ग्रंथों बृहदारण्यक उपनिषद और पुराणों में इसका उल्लेख है। दक्षिण भारत में आम को कहते थे, जो बाद में मलयाली भाषा में मांगा बन गया। 15वीं शताब्दी में पुर्तगाली केरल आए और उन्होंने मांगा को दुनियाभर में Mango नाम से मशहूर कर दिया। उन्होंने ही प्रसिद्ध अल्फांसो आम की नस्ल विकसित की।
बौद्ध भिक्षुओं ने आम को ज्ञान और शांति का प्रतीक बताया। अशोक और खारवेल जैसे सम्राटों ने इसे समृद्धि का प्रतीक मानकर सड़कों और राजमार्गों पर आम के पेड़ लगवाए। बौद्ध धर्म के साथ, आम दक्षिण-पूर्व एशिया तक पहुंच गया, जहां आज थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया में यह खूब उगाया जाता है।
भारत में आम का सांस्कृतिक महत्व
- भगवान गणेश की मूर्तियों में अक्सर एक पका हुआ आम उनके हाथ में दिखाया जाता है, जो समृद्धि का प्रतीक है।
- हिंदू शादियों और शुभ अवसरों पर दरवाजे पर आम के पत्तों की बंदनवार लगाई जाती है।
- जैन और बौद्ध ग्रंथों में भगवान बुद्ध को आम के पेड़ के नीचे ध्यान करते हुए दिखाया गया है।
- भारतीय कला और कपड़ों में भी आम महत्वपूर्ण रहा है। प्रसिद्ध पैसली डिजeइन को आम की आकृति से प्रेरित माना जाता है।
दुनिया के सबसे महंगे और अनोखे आम
आम की किस्म | मूल स्थान | खासियत |
कीमत (प्रति किलो)
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मियाजाकी (Miyazaki) | जापान | लाल रंग, अंडे के आकार का | ₹2,00,000 |
अल्फांसो (Alphonso) | भारत (महाराष्ट्र) | मीठा, सुगंधित, गाढ़ा पीला | ₹1000-₹2000 |
नूरजहां (Noorjahan) | भारत (मध्य प्रदेश) | 3-4 किलो वजन का बड़ा आम | ₹5000-₹8000 |
ताइयो नो तमागो (Taiyo no Tamago) | जापान | मीठा, जेली जैसा गूदा | ₹1,50,000 |
क्या बाकी दुनिया भी है आम की दीवानी?
आम सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में बेहद पसंद किया जाता है। अमेरिका में 2005 के बाद से आम की खपत 32 फीसदी तक बढ़ चुकी है। National Mango Board के एक सर्वे में पाया गया कि 95% लोग आम के स्वाद को पसंद करते हैं, 83% इसे उष्णकटिबंधीय फल मानते हैं, और 75% इसे स्वास्थ्यवर्धक फल समझते हैं।
लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका और यूरोप में आम को इतना जल्दी अपनाया नहीं गया, क्योंकि उन्हें यह फल ज्यादा मीठा लगता था। इसका छिलका निकालना भी मुश्किल होता था। 18वीं सदी में जब अंग्रेज भारत आए, तो उन्होंने आम को “बहुत ज्यादा मीठा और चिपचिपा” कहकर नकार दिया।लेकिन जब नवाबों और राजाओं ने उन्हें अल्फांसो खिलाया, तो वे इसे “Golden Fruit of India” कहने लगे। फिर जैसे-जैसे नई किस्में बाजार में आईं और लोग भारत, थाईलैंड और मैक्सिको से इसे चखने लगे, आम की लोकप्रियता ने रफ्तार पकड़ ली।
अपना सारा आम खा जाता है भारत!
भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में करीब 54 फीसदी आम का उत्पादन यहीं होता है। लेकिन मजेदार बात यह है कि भारत अपने आम का सिर्फ 1% ही निर्यात करता है। Forbes के अनुसार, भारत अपने उगाए गए आम का अधिकांश हिस्सा खुद ही खा जाता है। इसी से पता चलता है कि भारत के लोग आम के कितने बड़े शौकीन हैं और यहां आम की कितनी डिमांड रहती है।
आम का फल एक साल में एक ही बार लगता है, वो भी गर्मियों में। इससे पकने में तकरीबन 4 महीने लगते हैं। आम के फल में मार्च और अप्रैल में मंजर लगने लगते हैं। फिर उस पर छोटे-छोटे फल आते हैं। उसमें से बहुत से छोटे पर गिर जाते हैं। जो बचते हैं, वहीं पके आम बनते हैं, जिनका आप लुत्फ उठाते हैं।
भारत में 10 सबसे मशहूर आम की किस्में
आम की किस्म | मुख्य उत्पादन क्षेत्र | खासियत |
अल्फांसो (Hapus) | महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक |
मीठा, सुगंधित, गाढ़ा पीला गूदा
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दशहरी | उत्तर प्रदेश, बिहार |
पतला छिलका, मीठा स्वाद, रसीला
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लंगड़ा | उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल |
हल्का खट्टा-मीठा, हरा रंग, फाइबर रहित
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चौसा | उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब |
बेहद मीठा, रसीला, ज्यादा दिनों तक टिकने वाला
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केसर | गुजरात (गिर-सोमनाथ, जूनागढ़) |
केसरिया रंग, सुगंधित, गाढ़ा गूदा
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तोतापुरी | कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश |
अर्द्ध-मीठा, अजीब आकार, ज्यादातर अचार और जूस के लिए
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बदाम | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
मीठा, मलाईदार गूदा, हल्की सुगंध
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हिमसागर | पश्चिम बंगाल, ओडिशा |
फाइबरलेस, बेहद मीठा, गाढ़े रस वाला
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सिंदूरी | बिहार, उत्तर प्रदेश |
लाल-पीले रंग का, गूदा हल्का खट्टा
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नूरजहां | मध्य प्रदेश (अलिराजपुर) |
विशाल आकार (2-4 किलो प्रति आम), महंगा
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रोचक फैक्ट:
- अल्फांसो को “आमों का राजा” कहा जाता है और यह एक्सपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
- नूरजहां आम भारत का सबसे बड़ा और सबसे महंगा आम माना जाता है।
- तोतापुरी आम का ज्यादातर इस्तेमाल मैंगो पल्प और जूस बनाने में होता है।
खाने की थाली का हिस्सा भी है आम
आम सिर्फ फल की तरह खाया जाए, यह जरूरी नहीं। दुनिया भर में इसे अलग-अलग तरीकों से पकाया और परोसा जाता है।
- थाईलैंड में नूडल डिश पैड थाई में आम डाला जाता है।
- इंडोनेशिया में आम का अचार बनाया जाता है।
- लैटिन अमेरिकी देशों में आम को छीलकर सीधे स्टिक पर लगाकर बेचा जाता है।
- भारत में, आम को मीठे की तुलना में नमकीन व्यंजनों में अधिक इस्तेमाल किया जाता है।
- पंजाब में मशहूर दाल तड़का में कच्चे आम का इस्तेमाल होता है, जिससे इसका स्वाद और निखर जाता है।
पर्यावरण का भी दोस्त है फलों का राजा
आम का पेड़ हमें स्वादिष्ट फल तो देता ही है, यह पर्यावरण के लिए भी वरदान है। आम का पेड़ हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को सोखता है। उसे अपनी टहनियों, पत्तियों और फलों में संग्रहीत करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एक आम का पेड़ अपने पूरे जीवनकाल में उतना कार्बन अवशोषित करता है, जितना इसकी खेती, कटाई और ट्रांसपोर्टेशन में पैदा होता है। इसका मतलब कि जब आप आम खाते हैं, तो आप न केवल अपने मन को तृप्त कर रहे होते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचा रहे होते हैं!
आम से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
- आम की उत्पत्ति कहां हुई थी?
उत्तर: आम की उत्पत्ति भारत में हुई थी और इसका इतिहास 5000 साल से भी पुराना है। इसे संस्कृत में “आम्र” कहा गया है और यह प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। - दुनिया में सबसे महंगा आम कौन सा है?
उत्तर: जापान का मियाज़ाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। इसकी कीमत ₹2,00,000 प्रति किलो तक होती है। - भारत में सबसे ज्यादा कौन सा आम खाया जाता है?
उत्तर: भारत में अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, केसर और तोतापुरी जैसी किस्में सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं। - भारत से सबसे ज्यादा आम किस देश में निर्यात किया जाता है?
उत्तर: भारत से सबसे ज्यादा आम यूएई, अमेरिका, यूरोप और सऊदी अरब को निर्यात किया जाता है। - आम खाने के क्या फायदे हैं?
उत्तर: आम विटामिन A और C से भरपूर होता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है, स्किन हेल्दी बनाता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। - आम को भारत का राष्ट्रीय फल क्यों कहा जाता है?
उत्तर: आम न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपरा का हिस्सा भी रहा है। यही कारण है कि इसे भारत का राष्ट्रीय फल घोषित किया गया है। - आम की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा होता है?
उत्तर: आम की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है। भारत में आम के पेड़ आमतौर पर फरवरी-मार्च में फूलते हैं और मई-जून में फल तैयार होते हैं। - क्या आम के पेड़ की उम्र होती है?
उत्तर: हां, एक आम का पेड़ 300 से 400 साल तक जीवित रह सकता है और फल भी देता है। - सबसे ज्यादा आम कहां उगाए जाते हैं?
उत्तर: भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा आम की खेती होती है। - आम से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से कौन से हैं?
उत्तर: कहा जाता है कि बाबर को आम इतना पसंद आया कि उसने भारत में रहने का फैसला किया। शाहजहां ने खास आमों के लिए दिल्ली से महाराष्ट्र तक अलग कोरियर सेवा शुरू की थी। औरंगजेब ने एक बार अपने बेटे को सिर्फ इसलिए कैद कर दिया क्योंकि उसने सारे आम अकेले खा लिए थे।
सोर्स:
- राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (National Horticultural Research Institute, India)
- FAO (Food and Agriculture Organization) – World Mango Production Report
- BBC News – The Global Story of Mango Diplomacy
- The Guardian – When Mango Became the King of Fruits
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