Sahara India Scam: 24,000 करोड़ की ठगी, सरकारी जांच और रिफंड का इंतजार; क्या निवेशकों को उनका पैसा मिलेगा?

Sahara India Scam: “भरोसा सबसे बड़ी पूंजी होती है, और जब वह टूटता है, तो सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि उम्मीदें भी बिखर जाती हैं।”

यह बात सहारा इंडिया पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कभी सहारा इंडिया एक ऐसा नाम था, जिस पर लोग आंख बंद करके भरोसा करते थे। गांव के चाय की दुकान से लेकर शहर के बड़े कारोबारी तक, हर कोई सहारा की योजनाओं में पैसा लगाता था। लाखों गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए इसमें निवेश किया- कोई बेटी की शादी करना चाहता था, तो कोई अपना आशियाना लेना चाहता था, किसी के लिया यह रकम रिटायरमेंट के बाद बुढ़ापे की लाठी होने वाली थी। लेकिन 2011 में यह भरोसा टूट गया। सहारा इंडिया पर ₹24,000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा, और यह मामला भारत के सबसे बड़े पोंजी स्कैम में से एक में बदल गया।

यह सिर्फ एक वित्तीय घोटाला नहीं था, बल्कि करोड़ों परिवारों की उम्मीदों और अरमानों पर चोट थी। क्या वे अपने पैसे वापस पा सके? क्या इस घोटाले के दोषियों को सजा मिली? आइए, इस पूरे घोटाले को विस्तार से समझते हैं।

कितनी बड़ी कंपनी थी सहारा इंडिया?

अगर आप पुराने क्रिकेट प्रेमी हैं, तो आपको 2003 का क्रिकेट वर्ल्ड कप बड़े अच्छे से याद होगा। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की जबरदस्त बल्लेबाजी, दादा या यानी सौरव गांगुली की कप्तानी और जहीर खान की शानदार गेंदबाजी। लेकिन, इन सबके बीच खिलाड़ियों की जर्सी पर लिखा एक नाम बरबस ही ध्यान खींच लेता था, सहारा।

सहारा भारतीय क्रिकेट टीम की लंबे वक्त तक स्पॉन्सर रही। सहारा ग्रुप का पीक 2000 से 2010 के बीच रहा, जब यह भारत की सबसे बड़ी NBFC (Non-Banking Financial Company) में से एक थी। इसके पास ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक की पारी थीं, और यह क्रिकेट टीम इंडिया, फॉर्मूला 1, और होटल कारोबार में बड़ा निवेश कर चुकी थी।  सहारा का दावा था कि उसके पास 10 करोड़ से ज्यादा निवेशक हैं।

सहारा स्कैम (Sahara Scam) कैसे शुरू हुआ?

सुब्रत रॉय की सहारा इंडिया ने अपनी दो कंपनियों Sahara India Real Estate Corporation Ltd (SIRECL) और Sahara Housing Investment Corporation Ltd (SHICL) के जरिए 3 करोड़ से ज्यादा निवेशकों से ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (OCDs) के नाम पर पैसे जुटाए। निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच दिया गया, लेकिन यह एक पोंजी स्कीम निकली।

इन फंड्स को स्टॉक मार्केट रेगुलेशन के तहत SEBI में रजिस्टर नहीं कराया गया। सहारा ने दावा किया कि यह पैसा “सामान्य लोगों” से लिया गया है, न कि निवेशकों से। मार्केट रेगुलेटर SEBI को इसकी भनक 2009 में लगी और जांच शुरू हुई।

SEBI की जांच: कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?

2011 में SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने पाया कि सहारा ने अवैध रूप से फंड जुटाया और निवेशकों को गलत जानकारी दी। इसके बाद SEBI ने सहारा के खिलाफ कई सख्त कदम उठाएं:

  • सहारा को ₹24,000 करोड़ निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया।
  • सहारा की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया।
  • सेबी के आदेश के खिलाफ सहारा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई।
  • 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने SEBI के आदेश को सही ठहराया।
  • नवंबर 2020 में, सेबी ने सहारा समूह को 2012 से 25,700 करोड़ रुपये पर अर्जित ब्याज के हिसाब से 62,600 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया।
  • जून 2022 में, वित्तीय नियामक ने सहारा की दो कंपनियों पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
  • सेबी ने दिसंबर 2022 में गैर-अनुपालन के लिए समूह के डीमैट खातों और इसके फाउंडर सुब्रत रॉय के खातों को कुर्क करने का आदेश दिया।

हालांकि, सहारा ने दावा किया कि उन्होंने निवेशकों को पैसा लौटा दिया है, लेकिन अदालत के सामने वह इस बात का की ठोस सबूत नहीं दे पाई।

सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी और देहांत कैसे हुआ?

सुप्रीम कोर्ट ने स्कैम का जिम्मेदार सहारा ग्रुप के मालिक को माना। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया। उन्हें 2 साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। सुब्रत रॉय बाद में ₹10,000 करोड़ की जमानत देकर बाहर आए। इस दौरान सहारा ग्रुप की कई संपत्तियां नीलाम कर दी गईं।

14 नवंबर 2023 को, सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय का कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे और उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह से पीड़ित थे।

सुब्रत रॉय के देहांत के बाद क्या जांच खत्म हो गई?

सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद, निवेशकों में यह चिंता थी कि क्या सहारा समूह के खिलाफ चल रही जांच और कानूनी प्रक्रियाएँ प्रभावित होंगी। इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि:

जांच जारी रहेगी: दिसंबर 2023 में कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ जारी जांच किसी भी व्यक्ति की मृत्यु से बाधित नहीं होगी। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) और कंपनी कानून के तहत सहारा समूह की कई कंपनियों की जांच चल रही है।

निवेशकों के हित सुरक्षित: सरकार ने आश्वासन दिया कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, और जांच प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रहेगी। जब तक निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल जाता, तब तक जांच नहीं बंद की जाएगी।

क्या निवेशकों को पैसा वापस मिला?

SEBI ने कई बार सहारा ग्रुप की प्रॉपर्टीज नीलाम कर निवेशकों को पैसा लौटाने की कोशिश की। 2023 तक सिर्फ ₹138 करोड़ की राशि ही निवेशकों तक पहुंची थी, जबकि घोटाले की राशि ₹24,000 करोड़ से ज्यादा थी।

इसके बाद निवेशकों का पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया तेज करने के लिए जुलाई 2023 में CRCS-Sahara Refund Portal लॉन्च किया गया। इस पर सहारा निवेशक डिजिटल और पेपरलेस तरीके से अपना रिफंड क्लेम कर सकते थे।

Sahara Refund Portal से कितने लोगों को पैसा वापस मिला?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फरवरी 2025 में लोकसभा एक लिखित सवाल के जवाब में सहारा रिफंड पोर्टल पर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने ₹2,025.75 करोड़ से अधिक की राशि 11.61 लाख सहारा जमाकर्ताओं को लौटाई है। शाह ने कहा, “हमारा मंत्रालय सहारा सहकारी समिति समूह के वास्तविक जमाकर्ताओं को भुगतान के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ₹5,000 करोड़ की राशि लौटाने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक निवेशकों को अधिकतम ₹50,000 तक की राशि ही जारी की जा रही है। अगर किसी निवेशक के क्लेम में कोई कमी थी, तो उनके पुनः सबमिशन पोर्टल चालू किया गया है।

सहारा इंडिया घोटाले पर 5 महत्वपूर्ण FAQs

  1. सहारा इंडिया घोटाला कितना बड़ा था?
    • यह भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक था, जिसमें ₹24,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी हुई।
  2. सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद जांच रुकी या जारी है?
    • सरकार ने स्पष्ट किया कि जांच जारी रहेगी, और SFIO समेत अन्य एजेंसियां सहारा समूह की संपत्तियों की जाँच कर रही हैं।
  3. Sahara Refund Portal से कितना पैसा वापस किया गया?
    • फरवरी 2025 तक ₹2,025.75 करोड़ से अधिक की राशि 11.61 लाख जमाकर्ताओं को लौटाई जा चुकी है।
  4. क्या सभी सहारा निवेशकों को उनका पूरा पैसा मिलेगा?
    • सरकार ने कहा कि अभी तक ₹50,000 तक की राशि दी जा रही है, और आगे भी रिफंड जारी रहेगा।
  5. सहारा निवेशकों के लिए अगला कदम क्या है?
    • अगर आपका पैसा फंसा है, तो CRCS-Sahara Refund Portal पर क्लेम सबमिट करें।

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Piyush Kumar
Piyush Kumar

पीयूष कुमार एक अनुभवी बिजनेस जर्नलिस्ट हैं, जिन्होंने Banaras Hindu University (BHU)
से शिक्षा ली है। वे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। वित्त, शेयर बाजार और निवेश रणनीतियों पर उनकी गहरी पकड़ है। उनकी रिसर्च-बेस्ड लेखनी जटिल फाइनेंशियल विषयों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती है। पीयूष को फिल्में देखने और क्रिकेट खेलने का शौक है।

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