
IPO: पैसे डबल करने का मौका या फिर बड़ा जुआ? फायदे और नुकसान की पूरी पड़ताल
IPO Benefits Risks Explained: अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के बारे में जरूर सुना होगा। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को बेचती है और स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है, तो इसे IPO कहा जाता है। बीते कुछ सालों में भारत में IPO निवेश का क्रेज बढ़ा है। पिछले साल यानी 2024 में ही 268 कंपनियों ने 1.67 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो दुनिया के किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से ज्यादा था! कुछ IPOs ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए, जबकि कुछ में भारी नुकसान हुआ। इस साल यानी 2025 में भी टाटा कैपिटल और OYO समेत कई बड़े आईपीओ कतार में हैं।
लेकिन सवाल यह है कि क्या हर IPO में निवेश करना सही होता है? IPO में पैसा लगाना फायदे का सौदा हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी कम नहीं है। इस आर्टिकल में हम IPO के फायदों और नुकसानों की गहराई से तुलना करेंगे, ताकि आप बेहतर निवेश निर्णय ले सकें।
IPO क्या होता है?
आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग का मतलब होता है, किसी कंपनी का पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने शेयरों की बिक्री करना। इस बिक्री के बाद उसके शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाते हैं। वहां कोई भी निवेशक कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकता है। मेनबोर्ड आईपीओ लाने के लिए कंपनी को मार्केट रेगुलेटर की इजाजत लेनी होती है। वहीं, SME IPO स्टॉक एक्सचेंजों यानी एनएसई और बीएसई की मंजूरी से भी आ सकता है।
कंपनियां IPO क्यों लाती हैं?
कंपनियों के आईपीओ लाने की कई वजहें होती हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं:
कारोबार का विस्तार करना: कई कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाना चाहती हैं। जैसे कि नई फैक्ट्री लगाना या फिर कोई नया इक्विपमेंट खरीदना। इसके लिए वह आईपीओ लाती हैं।
लोन चुकाना: कंपनियां अक्सर अपना बिजनेस चलाने के लिए लोन लेती हैं। उस लोन को चुकाने के लिए भी वे आईपीओ लाकर अपना शेयर बेचती हैं।
नियमों की बाध्यता: आरबीआई और सेबी जैसे रेगुलेटर का नियम भी है कि बड़ी कंपनियों को एक तय समय के भीतर आईपीओ लाकर शेयर बाजार में लिस्ट होना होगा, ताकि उनके कामकाज में पारदर्शिता रहे।
IPO में निवेश: फायदे और नुकसान
आईपीओ में निवेश शानदार रिटर्न और ग्रोथ जैसे फायदे (IPO Investment Benefits) देता है, लेकिन इसके साथ जोखिम ( IPO Risks) भी जुड़े होते हैं। इसलिए कंपनी की फंडामेंटल और बाजार की स्थिति को समझकर ही निवेश करें।
फायदे (Advantages)
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नुकसान (Disadvantages)
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लिस्टिंग गेन का मौका – IPO के बाद शेयर की कीमत बढ़ने पर अच्छा मुनाफा मिल सकता है। |
लिस्टिंग पर नुकसान – सभी IPOs सफल नहीं होते, जैसे Paytm का IPO लिस्टिंग के बाद गिर गया।
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कम कीमत पर शेयर खरीदने का मौका – IPO में शेयर कीमत बाद में बढ़ सकती है। |
शेयर की वैल्यू गिर सकती है – अगर कंपनी की परफॉर्मेंस कमजोर रही, तो निवेशकों को नुकसान होगा।
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कंपनी के शुरुआती विकास में भागीदारी – IPO में निवेश कर कंपनी की ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं। |
लिक्विडिटी जोखिम – अगर बहुत कम निवेशक शेयर खरीदते हैं, तो शेयर बेचना मुश्किल हो सकता है।
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डिविडेंड का फायदा – अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो वह डिविडेंड दे सकती है। |
लॉन्ग-टर्म लॉक-इन पीरियड – कुछ IPOs में लॉक-इन पीरियड होता है, जिससे निवेश जल्दी निकालना मुश्किल हो सकता है।
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पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification) – IPO निवेश से नए सेक्टर में निवेश करने का मौका मिलता है। |
IPO ओवर-सब्सक्रिप्शन – अगर IPO ज्यादा सब्सक्राइब हो जाता है, तो सभी निवेशकों को अलॉटमेंट नहीं मिल पाता।
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IPO में निवेश कैसे करें? स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस
अगर आप IPO में निवेश करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: IPO में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। आप एंजल वन, जीरोधा, ग्रो, अपस्टॉक्स जैसे ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोल सकते हैं।
IPO की जानकारी पाएं: IPO ओपन होने से पहले उसके प्रॉस्पेक्टस, फाइनेंशियल रिपोर्ट और रेटिंग्स को चेक करें। MoneySoney.Com पर आईपीओ की अपडेट बराबर मिलती है।
ब्रोकर या नेट बैंकिंग से IPO आवेदन: SEBI के नियमों के अनुसार, आप UPI ID के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं।
बोली (Bidding) लगाएं: आप प्राइस बैंड के अनुसार अपनी बोली लगा सकते हैं। यदि IPO बहुत ज्यादा सब्सक्राइब होता है, तो ऊपरी कीमत (Cut-off Price) पर बोली लगाना बेहतर होता है।
अलॉटमेंट स्टेटस चेक करें: IPO बंद होने के बाद कुछ दिनों में शेयर अलॉटमेंट का स्टेटस जारी किया जाता है।
शेयर लिस्टिंग के दिन ट्रेडिंग शुरू करें: अगर आपको शेयर अलॉट हुए हैं, तो लिस्टिंग के दिन आप उसे बेच सकते हैं या फिर ज्यादा मुनाफा के लिए होल्ड कर सकते हैं।
IPO में निवेश पर पैसे फंस सकते हैं?
इस सवाल का जवाब है, नहीं। आईपीओ की सख्त रेगुलेटरी निगरानी होती है। आप जब भी आईपीओ के लिए अप्लाई करेंगे, तो उतनी रकम आपके बैंक अकाउंट में फ्रीज हो जाएगी। इसका मतलब है कि शेयर अलॉट होने से पहले अकाउंट से पैसे नहीं कटेंगे। अगर आपको आईपीओ में शेयर अलॉट नहीं होता है, तो उसी दिन या उसके एक दिन बाद आपकी रकम बैंक अकाउंट में अनब्लॉक हो जाएगी और आप उसका इस्तेमाल कर पाएंगे।
IPO से जुड़ी कुछ खास बातें :
- प्राइस बैंड और लॉट साइज आईपीओ का सबसे अहम हिस्सा होता है।
- प्राइस बैंड कंपनी तय करती है और आप उसी के हिसाब से पैसे लगा सकते हैं।
- आप IPO में सेकेंडरी मार्केट की तरह एक या दो शेयर नहीं खरीद सकते।
- आपको कम से कम आईपीओ का एक लॉट खरीदना होगा।
- मेनबोर्ड आईपीओ के एक लॉट की कीमत 13 से 15 हजार के बीच होती है।
- आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए अमूमन 3-5 दिन तक खुला रहता है।
Frequently Asked Questions (FAQs) on IPO:
- क्या आईपीओ एप्लीकेशन को अपडेट या कैंसल कर सकते हैं?
जवाब: हां, आप अपने IPO एप्लिकेशन को उस प्लेटफॉर्म के जरिए अपडेट या कैंसल कर सकते हैं, जिसके जरिए आपने अप्लाई किया है। हालांकि, IPO के सब्सक्रिप्शन के लिए बंद होने के बाद IPO आवेदन वापस नहीं लिया जा सकता है। - कोई कंपनी कितनी बार आईपीओ ला सकती है?
जवाब:कंपनियां अमूमन एक ही बार आईपीओ लाती हैं। दूसरी बार आईपीओ कुछ खास परिस्थितियों में ही आ सकता है। जैसे कि कोई कंपनी खुद को शेयर मार्केट से डीलिस्ट करा ले। फिर वह दूसरी बार आईपीओ लाकर लिस्ट हो सकती है। - क्या कंपनी आईपीओ वापस ले सकती है?
जवाब:अगर किसी कंपनी के IPO को निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो वह अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि, कंपनी के कितने फीसदी शेयर की बिकने चाहिए, इसे बारे में कोई खास नियम नहीं है। - आईपीओ में शेयरों का अलॉटमेंट कैसे होता है?
जवाब: अगर कम सब्सक्राइब होता है, तो अप्लाई करने वाले सभी लोगों को अलॉटमेंट मिल जाएगा। वहीं, ओवर-सब्सक्राइब होने की स्थिति में इसमें कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए तय किया जाता है कि किस निवेशक को शेयर मिलेगा और किसे नहीं। - क्या PAN कार्ड के बिना आईपीओ में निवेश कर सकते हैं?
जवाब: नहीं। सेबी के नियमों के अनुसार, आईपीओ में अप्लाई करने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है। इससे आवेदक की पहचान और पात्रता सत्यापित करने मदद मिलती है। साथ ही, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को भी रोका जाता है।
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