Gold Investment: 5 फायदे, जिन्हें जानने के बाद आप भी गोल्ड में तुरंत कर देंगे निवेश

मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। ‘Gold is money. Everything else is credit.’ यानी ‘सोना ही पैसा है। बाकी सब कुछ कर्ज है।’ यह कहना था मशहूर अमेरिकी बैंकर और गोल्ड इन्वेस्टमेंट के प्रबल समर्थक जॉन पियरपोंट मॉर्गन सीनियर (1837-1913) का, जिन्हें दुनिया आमतौर पर जेपी मॉर्गन के रूप में जानती है। इस कथन से जाहिर होता है कि सोना (Gold) हमेशा से सुरक्षित और स्थिर निवेश (Safe Investment) रहा है। यही वजह है कि फाइनेंशियल एडवाइजर अक्सर निवेशकों को गोल्ड को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि गोल्ड में निवेश (Investing in Gold) करना जरूरी क्यों है और इसके क्या फायदे हैं।

सोना सदियों से कीमत संपत्ति (Gold is Timeless Asset)

इंसान की सभ्यता की शुरुआत से ही सोना सबसे मूल्यवान धातु (Precious Metal) में से एक रहा है। व्यापार का चलन शुरू होने के बाद सोने ने सुरक्षित संपत्ति (Safe Haven Asset) के रूप में अपनी जगह बना ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के अनुसार, पिछले 100 साल में सोने का मूल्य लगातार बढ़ा है। इसने हर आर्थिक संकट के दौरान खुद को सबसे सुरक्षित निवेश साबित किया है। फिर चाहे बात युद्ध, सियासी उथल-पुथल या फिर आर्थिक अस्थिरता की हो।

भारत जैसे देशों में सोना केवल निवेश नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत (Cultural Significance of Gold) का हिस्सा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास दुनिया का सबसे अधिक सोना है। यह करीब 24,000 टन है। इसकी तुलना में अमेरिका के पास 8,000 टन सोना, जर्मनी के पास 3,300 टन, इटली के पास 2,450 टन, फ्रांस के पास 2,400 टन और रूस के पास 1,900 टन सोना है।

पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification in Investment Portfolio)

स्टॉक मार्केट (Stock Market) और अन्य निवेश विकल्प भारी उतार-चढ़ाव (Volatility) के शिकार हो सकते हैं। लेकिन सोना इस अस्थिरता से सुरक्षा देता है। जब शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो सोने की कीमत में उछाल देखा जाता है। जैसा कि अभी हो रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी लगातार क्रैश हो रहे हैं। वहीं, सोना 89,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार करके नए शिखर पर पहुंच गया है।

आर्थिक मंदी (Economic Recession) या वैश्विक अस्थिरता के के समय सोने में निवेश करके संपत्ति को सुरक्षित रखना एक अच्छा विकल्प होता है। उदाहरण के लिए, 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट (Global Financial Crisis 2008) के दौरान जब भारत का शेयर बाजार 61 फीसदी और अमेरिका का S&P 500 इंडेक्स 50 फीसदी तक गिर गया था। उस वक्त सोने की कीमतों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। यही वजह है कि फाइनेंशियल एक्सपर्ट सोने में 10-15 फीसदी तक निवेश करने की सलाह देते हैं, ताकि पोर्टफोलियो संतुलित रहे।

सोने के बदले लोन लेना आसान (Gold Loan – Quick & Easy Financing Option)

वित्तीय संकट (Financial Crisis) के दौरान गोल्ड लोन (Gold Loan) एक आसान और सुरक्षित विकल्प बन जाता है। बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs – Non-Banking Financial Companies) सोने के बदले आसानी से कर्ज देती हैं। क्योंकि यह सबसे सिक्योर्ड लोन समझा जाता है। गोल्ड लोन पर ब्याज दर (Gold Loan Interest Rate) अन्य लोन की तुलना में कम होती है। सोने को गिरवी (Collateral) रखने से लोन जल्दी मंजूर (Loan Approval) भी हो जाता है।

2023 में भारतीय गोल्ड लोन मार्केट 25 फीसदी बढ़ा था। (सोर्स: Reserve Bank of India – Gold Loan Market 2023 Report)। RBI के मुताबिक, भारत में हर साल 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक गोल्ड लोन लिए जाते हैं। खासकर, अर्थव्यवस्था जब सुस्त पड़ती है और लोगों के पास रोजगार नहीं होता, तो उस वक्त सोना उनकी वित्तीय मुसीबतों को दूर करने के काफी काम आता है।

मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ सुरक्षा (Gold as a Hedge Against Inflation)

महंगाई बढ़ने (Rising Inflation) पर शेयर बाजार और बैंक एफडी पर मिलने वाला रिटर्न घट सकता है, लेकिन सोने की कीमत लगातार बढ़ती रहती है। यही कारण है कि केंद्रीय बैंक (Central Banks) भी अपने भंडार में सोना शामिल करते हैं। पिछली कई तिमाहियों से भारत और चीन समेत कई देशों के केंद्रीय बैंक लगातार अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों (Global Central Banks) ने 1,136 टन सोना खरीदा, जो इतिहास में सबसे अधिक है। 1990 में 1 ग्राम सोने की कीमत 320 रुपये थी, जो अब करीब 9 हजार रुपये तक पहुंच गई है। इससे पता चलता है कि सोने का भाव महंगाई के साथ लगातार बढ़ता रहता है।

सोना की यूनिवर्सल करेंसी के तौर पर मान्यता (Gold as a Universal Currency)

सोना दुनियाभर में एक मान्य संपत्ति (Globally Accepted Asset) है, जो किसी भी देश की मुद्रा से स्वतंत्र है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के दौरान, अमेरिका और यूरोप ने रूस के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserves) को ब्लॉक कर दिया, लेकिन रूस के सोने की वैल्यू बनी रही। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और स्टॉक्स के विपरीत, सोना हमेशा एक भरोसेमंद संपत्ति (Reliable Asset) रहेगा।

अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति और मशहूर कारोबारी हर्बर्ट क्लार्क हूवर (Herbert Hoover) ने एक बार कहा था कि हमारे पास सोना है, क्योंकि हम सरकारों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। इससे सोने की अहमियत का पता चलता है। IMF (International Monetary Fund) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के केंद्रीय बैंक (Central Banks) अपने भंडार का 10-20 फीसदी सोने में रखते हैं।

सोने में निवेश हर तरह से उपयोगी

भारत में सोने में निवेश करना आमतौर पर परंपरा है। लेकिन, यह वित्तीय समझदारी का नमूना भी है। गोल्ड में निवेश अर्थव्यवस्था (Economy), मुद्रास्फीति (Inflation), और वित्तीय संकट (Financial Crisis) के खिलाफ सुरक्षा देता है। दीर्घकालिक निवेश (Long-Term Investment) के लिए सोना सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प है। आप फिजिकल गोल्ड यानी गहने-जेवरात के साथ गोल्ड ETF जैसे डिजिटल गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं।

प्रमुख सोर्स:

  • World Gold Council – Why Invest in Gold
  • Forbes – Gold as a Safe Investment
  • Reserve Bank of India – Gold Loan Guidelines
  • IMF – Gold Reserves in Central Banks

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Shikha Singh
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