शेयर बेचने पर कितना टैक्स लगता है? जानिए लॉन्ग टर्म, शॉर्ट टर्म, इंट्राडे और F&O पर टैक्स की पूरी डिटेल

Stock Sell Tax Calculator: बहुत से निवेशक स्टॉक मार्केट में पैसे लगाकर काफी अच्छा मुनाफा कमाते हैं। शेयर बेचने पर टैक्स भी लगता है। हालांकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और इंट्राडे ट्रेडिंग पर अलग-अलग टैक्स नियम लागू होते हैं। हम आपको शेयर बेचने पर लगने वाले टैक्स की पूरी जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप अपने निवेश और टैक्स की प्लानिंग बेहतर से कर सकें।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) और टैक्स

क्या है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन?

अगर आप किसी शेयर को एक साल से अधिक समय तक होल्ड करके बेचते हैं, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लागू होता है।

LTCG पर कितना टैक्स लगेगा?

  • 1.25 लाख रुपये तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
  • 1.25 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 12.5% टैक्स देना होगा।
  • लॉस को अगले 8 साल तक सेट ऑफ किया जा सकता है।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और टैक्स

क्या है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन?

कई लोगों को शेयर खरीदने के कुछ ही महीनों के भीतर शानदार रिटर्न मिल जाता है। ऐसे में वे 12 महीने से पहले शेयर बेच देते हैं। अगर उनका मुनाफा 1.25 लाख रुपये से अधिक होता है, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लागू होगा।

STCG पर कितना टैक्स लगेगा?

  • सभी इन्वेस्टर्स को 20% टैक्स देना होता है, भले ही उनकी इनकम टैक्स स्लैब कोई भी हो।
  • इसमें भी अगर लॉस होता है, तो इसे अगले 8 वर्षों तक सेट ऑफ किया जा सकता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग पर टैक्स (Intraday Trading Tax)

क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग?

जब कोई शेयर एक ही दिन में खरीदा और बेचा जाता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। जैसे कि आपने रिलांयस इंडस्ट्रीज या HDFC बैंक का शेयर खरीदते हैं और उसे एक ही दिन में बेच देते हैं, तो उस पर अलग टैक्स लगता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग पर कितना टैक्स लगेगा?

  • ICICI Direct के मुताबिक, इंट्राडे ट्रेडिंग की कमाई को स्पेकुलेटिव इनकम माना जाता है।
  • इस पर टैक्स की दर इन्वेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होती है।
  • स्पेकुलेटिव लॉस को केवल अगले 4 वर्षों तक सेट ऑफ किया जा सकता है।

डिविडेंड और डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर टैक्स

  • डिविडेंड इनकम अब इन्वेस्टर की टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल है।
  • फ्यूचर्स और ऑप्शंस (Derivatives Trading) को बिजनेस इनकम माना जाता है।
  • इस पर टैक्स आपकी इनकम स्लैब के हिसाब से लगता है।

शेयर बेचने पर टैक्स सेविंग टिप्स

  • लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करें, क्योंकि LTCG पर STCG की तुलना में कम टैक्स लगता है।
  • लॉस को कैरी फॉरवर्ड करें और इसे अगले वर्षों के गेन के साथ सेट ऑफ करें।
  • टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) में निवेश करें, जिससे टैक्स छूट का लाभ मिले।
  • चार्टेड अकाउंटेंट से सलाह लें, ताकि टैक्स प्लानिंग सही तरीके से कर सकें।

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Piyush Kumar
Piyush Kumar

पीयूष कुमार एक अनुभवी बिजनेस जर्नलिस्ट हैं, जिन्होंने Banaras Hindu University (BHU)
से शिक्षा ली है। वे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। वित्त, शेयर बाजार और निवेश रणनीतियों पर उनकी गहरी पकड़ है। उनकी रिसर्च-बेस्ड लेखनी जटिल फाइनेंशियल विषयों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती है। पीयूष को फिल्में देखने और क्रिकेट खेलने का शौक है।

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