
SIP Benefits: एसआईपी से ही बनेगा मोटा पैसा, इतिहास है इसका गवाह
SIP Investment Benefits: अक्सर कहा जाता है कि शेयर बाजार में पैसा कमाने के खेल का मतलब है, सही समय पर निवेश और बाजार की चाल को भांपना। लेकिन, यह सच नहीं है। इतिहास गवाह है कि मार्केट में पैसा कमाने (Wealth Creation) का असली राज समय को पहचानने में नहीं, बल्कि उसमें लंबे समय तक बने रहने में है। इसी सिद्धांत को लागू करने का सबसे प्रभावी और आजमाया तरीका है, SIP (Systematic Investment Plan)। इसके जरिए नियमित तौर पर थोड़ा-थोड़ा निवेश करके बड़ी पूंजी बनाने में मदद मिलती है। यह चीज बाजार की अस्थिरता के बावजूद निवेश जारी रखने का आत्मविश्वास देता है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) क्या है?
यह निवेश से लॉन्ग टर्म में बड़ी रकम बनाने का प्रभावी तरीका है। इसमें निवेशक नियमित अंतराल (महीने, तिमाही आदि) पर एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। फंड मैनेजर उन पैसों को शेयर बाजार, सरकारी बॉन्ड्स और गोल्ड जैसी असेट में निवेश करते हैं। एसआईपी निवेशकों को लंबी अवधि में संपत्ति बनाने और बाजार की अस्थिरता से बचाने में मदद करता है।
SIP कितने तरह के होते हैं?
फिक्स्ड SIP – हर महीने एक तय राशि निवेश होती है।
स्टेप-अप SIP – समय-समय पर निवेश राशि बढ़ाई जाती है।
फ्लेक्सी SIP – बाजार की स्थिति के अनुसार निवेश राशि को एडजस्ट किया जाता है।
परपेचुअल SIP – इसमें कोई तय समय सीमा नहीं होती, जब तक निवेशक इसे बंद न करे।
SIP में लंबी अवधि के लिए निवेश जरूरी क्यों?
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं। कारण भले ही अलग हों, लेकिन हर कुछ साल बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट आती है। नए निवेशक जब निकट अवधि के दौरान एसआईपी में नुकसान में देखते हैं, तो घबरा जाते हैं और निवेश रोक देते हैं। लेकिन ऐसा करने से वे चक्रवृद्धि (Compounding) के सबसे बड़े लाभ से मुंह मोड़ लेते हैं।
क्या है चक्रवृद्धि का जादू?
चक्रवृद्धि आपके निवेश को लंबे समय में कई गुना बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। जब आपके निवेश पर मिले रिटर्न को फिर से निवेश किया जाता है, तो यह एक घातीय वृद्धि (Exponential Growth) में बदल जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक ने 1994 में BSE 200 PRI इंडेक्स में ₹10,000 प्रति माह एसआईपी शुरू की और 2002 में इसे बंद कर दिया, तो उसका XIRR (Extended Internal Rate of Return) केवल 0.6% होता।
लेकिन अगर उसने सिर्फ चार और साल तक निवेश जारी रखा होता, तो उसका XIRR 18.5% हो जाता और उसकी कुल निवेश राशि ₹15.6 लाख से बढ़कर ₹57 लाख हो जाती। इससे सबक मिलता है कि आप जितना अधिक समय तक एसआईपी करते हैं, उतना अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
SIP बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा सकता है?
म्यूचुअल फंड SIP से मिले पैसे को भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं। इसलिए जाहिर तौर पर मार्केट में गिरावट का इस पर भी व्यापक असर पड़ता है। लेकिन, गिरावट के दौर में रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है।
बाजार जब नीचे होता है, तो एसआईपी में आपको कम कीमत पर अधिक यूनिट खरीदने का मौका मिलता है। जब बाजार ऊपर होता है, तो आप कम यूनिट खरीदते हैं, लेकिन आपके पहले से खरीदे गए यूनिट्स की वैल्यू बढ़ती है। इसे यूं समझिए कि शेयर मार्केट में गिरावट के वक्त एक यूनिट आपको 1 रुपये मिल जाएगी। वही यूनिट बाजार में तेजी के वक्त चार रुपये की हो जाएगी। यानी आपकी यूनिट की कीमत चार गुना बढ़ जाएगी।
ऐतिहासिक डेटा साबित करते हैं कि जिन्होंने बाजार की गिरावट के दौरान भी एसआईपी जारी रखी, उन्हें अधिक लाभ हुआ। वहीं, बहुत से निवेशक शेयर मार्केट में गिरावट के दौरान घबराकर एसआईपी रोक दी। उन्होंने एसआईपी दोबारा शुरू करने के मार्केट में तेजी आने का इंतजार किया। उनका रिटर्न एसआईपी जारी रखने वालों की तुलना में कम रहा।
SIP vs Inflation: महंगाई को हरा सकता है एसआईपी?
महंगाई हमारी खरीदने की क्षमता को कम कर देती है, इसलिए हमें ऐसे निवेश विकल्पों की जरूरत होती है जो मुद्रास्फीति से अधिक रिटर्न दें। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सरकारी बॉन्ड सबसे सुरक्षित निवेश समझे जाते हैं। लेकिन, इनका 7 से 8 फीसदी का सालाना रिटर्न महंगाई दर को मात नहीं दे पाता। लेकिन, लॉन्ग टर्म एसआईपी इस समस्या का समाधान कर देता है। इसमें औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है।
SIP में निवेश कैसे करें?
- एक अच्छे म्यूचुअल फंड का चयन करें।
- अपने निवेश लक्ष्य (जैसे रिटायरमेंट, घर खरीदना) तय करें।
- अपनी जोखिम लेने की क्षमता को समझें।
- ऑनलाइन या किसी फंड हाउस/बैंक के जरिए SIP शुरू करें।
- लंबे समय तक निवेश बनाए रखें और बीच में रुकने से बचें।
किन बातों का रखें ध्यान
क्या करें | क्या न करें |
लंबी अवधि के लिए निवेश करें। |
बाजार की गिरावट से घबराकर SIP न रोकें।
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पोर्टफोलियो को विविध बनाएं (लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप)। |
सिर्फ एक सेक्टर या निवेश वर्ग पर निर्भर न रहें।
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SIP को बाजार गिरने पर बंद न करें। |
अल्पकालिक रिटर्न देखकर निर्णय न लें।
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निवेश पर धैर्य बनाए रखें। |
नियमित समीक्षा किए बिना SIP जारी न रखें।
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SIP शुरू करने के लिए लार्ज कैप इक्विटी फंड में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है। ये फंड ₹20,000 करोड़ से अधिक मार्केट कैप वाली यानी बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं। मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में भी संतुलित निवेश करें, ताकि पोर्टफोलियो विविधतापूर्ण बना रहे। इ
एसआईपी का ऐतिहासिक प्रदर्शन
साल | निफ्टी मिडकैप 150 | निफ्टी स्मॉलकैप 250 | निफ्टी 200 | निफ्टी 100 |
2006-2013 | ₹12,71,516 (XIRR 6.9%) | ₹10,96,538 (XIRR 3.3%) | ₹12,91,917 (XIRR 7.3%) |
₹13,50,732 (XIRR 8.4%)
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2014-2017 | ₹44,14,577 (XIRR 17.4%) | ₹40,49,608 (XIRR 16.1%) | ₹30,27,980 (XIRR 11.7%) |
₹30,19,686 (XIRR 11.7%)
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2015-2025 | ₹33,89,991 (XIRR 19.4%) | ₹30,75,358 (XIRR 17.6%) | ₹24,97,798 (XIRR 13.7%) |
₹23,92,023 (XIRR 12.9%)
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नतीजा: लंबे समय तक एसआईपी जारी रखने वाले निवेशकों को बेहतर वार्षिक प्रतिफल (XIRR) और वेल्थ क्रिएशन मिली।
एसआईपी अनुशासन और धैर्य वाली निवेश रणनीति है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय उसमें बने रहने की सीख देती है। चक्रवृद्धि का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि निवेशक लॉन्ग टर्म अप्रोच अपनाएं और एसआईपी को जारी रखें। बाजार हमेशा ऊपर-नीचे होता रहेगा, लेकिन जो निवेशक धैर्य बनाए रखते हैं, उन्हीं को लंबी अवधि में सबसे अधिक लाभ मिलता है। तो बाजार में जब भी गिरावट आए, तो एसआईपी रोकने के बजाय उसे जारी रखें। इससे आपको भरपूर पैसा बनाने का मौका मिलेगा। आखिरकार, पैसा बनाना 100 मीटर की दौड़ नहीं, बल्कि मैराथन है।
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(यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिमों के अधीन है। कोई भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें)