
शेयर बाजार में हाहाकार, SIP जारी रखनी चाहिए या नहीं?
मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट (Stock Market Crash) देखने को मिल रही है। BSE 500 Index अपने सितंबर 2024 के ऑल टाइम हाई लेवल से 19 फीसदी से अधिक गिर चुका है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने उच्चतम स्तर से 25 फीसदी से गिर चुका है। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 अपने पीक लेवल 21 फीसदी गोता लगा चुका है। गिरावट की सुनामी से म्यूचुअल फंड की SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) भी नहीं बच पाया है। SIP में निवेश से भी ज्यादातर लोगों को नेगेटिव रिटर्न मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग SIP बंद भी कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट में गिरावट के दौरान SIP बंद करना सही फैसला या नहीं और आपको क्या करना चाहिए।
SIP क्यों बंद कर रहे हैं लोग?
आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के डायरेक्टर और रिसर्च हेड चेतन शेनॉय का कहना है कि अधिकतर निवेशक डर की वजह से एसआईपी बंद कर रहे हैं। उनका कहना है, “जब बाजार गिरता है तो निवेशकों में असहजता बढ़ती है। वे घबराहट में निवेश बंद करने की सोचते हैं। लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसी करेक्शन सामान्य बात हैं और आखिर में मार्केट रिकवर हो जाता है।”
पिछले 25 वर्षों में औसत अधिकतम गिरावट -19.85% रही है। वहीं, औसत रिकवरी समय 276 दिनों का रहा है। इसका मतलब है कि इस बार की गिरावट अपेक्षाकृत हल्की है। शेयर बाजार एक साल से भी कम समय में रिकवर हो जाता है।
FY25 में रिकॉर्ड SIP कैंसलेशन
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) के दौरान SIP कैंसलेशन में तेज वृद्धि देखी गई। यह दिसंबर में रिकॉर्ड 83% तक पहुंच गई। नई SIP रजिट्रेशन में उतार-चढ़ाव रहा। इसमें दिसंबर में 54.27 लाख की मध्यम रिकवरी हुई। यह डेटा बताता है कि इस तिमाही में निवेशकों के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
महीना | नई SIP रजिस्टर्ड (लाख में) | नई SIP बंद/टेन्योर पूरा (लाख में) | नए खातों का % |
दिसंबर 2024 | 54 | 44.90 | 83% |
नवंबर 2024 | 49.47 | 39.14 | 79% |
अक्टूबर 2024 | 63.7 | 38.8 | 61% |
सितंबर 2024 | 66.39 | 40.31 | 61% |
अगस्त 2024 | 63.94 | 36.54 | 57% |
जुलाई 2024 | 72.62 | 37.33 | 51% |
जून 2024 | 55.13 | 32.35 | 59% |
मई 2024 | 49.74 | 43.96 | 88% |
अप्रैल 2024 | 63.65 | 33.25 | 52% |
स्रोत: AMFI
क्या निवेशकों को SIP रोकनी चाहिए?
एक्सपर्ट का मानना है कि एसआईपी रोकना सही फैसला नहीं है। खासकर, इसे गिरावट के डर से तो बिल्कुल नहीं बंद करना चाहिए। इडलवाइज म्यूचुअल फंड का कहना है, “बाजार गिरावट के समय एसआईपी बंद करना वैसा ही है, जैसे किसी अच्छे गेंदबाज के सामने बैटिंग छोड़ देना। अच्छे निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए। फिर जब कमजोर गेंदबाज आएगा, तो तेजी से रन बनाने का मौका भी मिलेगा।”
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार में गिरावट आना स्वाभाविक प्रक्रिया है। खासकर, यह देखते हुए कि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन काफी अधिक है। लेकिन, इससे घबराने की बात नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि भारत की आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है और शेयर बाजार काफी जल्दी रिकवर करेगा।
क्या एसआईपी जारी रखें?
अगर आपका लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, तो बाजार में गिरावट के समय घबराएं नहीं। एसआईपी के जरिए बाजार में गिरावट का फायदा उठाकर कम दाम में अधिक यूनिट खरीद सकते हैं।
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर क्या करें?
अगर आप शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर हैं यानी आपने कुछ ही साल के लिए निवेश किया था। तो आप निवेश बंद करने पर विचार कर सकते हैं, क्योंकि अभी फाइनेंशियल एक्सपर्ट भी नहीं समझ पा रहे हैं कि मार्केट में गिरावट कब तक जारी रहेगी।
पोर्टफोलियो रीबैलेंस करें
अगर स्मॉलकैप और मिडकैप फंड का अनुपात बहुत अधिक हो गया है, तो बड़े शेयरों (लार्जकैप) और फ्लेक्सीकैप फंड में निवेश बढ़ाएं। आम तौर पर, निवेश पोर्टफोलियो में मिडकैप का 20% और स्मॉलकैप का 10% से अधिक नहीं होना चाहिए।
क्या निवेश बढ़ा सकते हैं?
अगर आपके पास अतिरिक्त पूंजी है, तो शेयर बाजार में मौजूदा करेक्शन को अवसर मानकर नई एसआईपी शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें, तो अच्छे फंडामेंडल वाले स्टॉक्स भी खरीद सकते हैं।
शेयर बाजार में हर कुछ साल में गिरावट आती रहती है। हर बार मार्केट उससे रिकवर करता है और नई ऊंचाई बनाता है। इसलिए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को घबराकर एसआईपी बंद करने की जरूरत नहीं है। आप फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर नई एसआईपी भी शुरू कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में तिमाही आधार पर सुधार दिखा है। मजबूत आर्थिक नींव और कंपनियों की बढ़ती आय यह संकेत देती है कि बाजार एक साल से कम समय में रिकवरी कर सकता है। इसलिए, निवेशकों को जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने के बजाय सोच-समझकर अपनी रणनीति बनानी चाहिए।
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