Zomato और Swiggy के शेयरों से बनेगा मोटा पैसा, ब्रोकरेज ने दी झट से खरीदने की सलाह

Zomato vs Swiggy: घरेलू ब्रोकरेज आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स (Anand Rathi Share and Stock Brokers) ने जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) की कवरेज शुरू की है। उसने दोनों ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियों के स्टॉक को ‘Buy’ रेटिंग दी यानी खरीदने की सलाह दी है। दोनों ही कंपनियां फूड डिलीवरी के साथ क्विक कॉमर्स मार्केट में एकदूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

जोमैटो और स्विगी का टारगेट प्राइस कितना है?

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी के मुताबिक, जोमैटो और स्विगी के शेयर निवेशकों को काफी अच्छा मुनाफा दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि उसने दोनों कंपनियों के लिए कितना टारगेट प्राइस दिया है।

Zomato Target Price

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने जोमैटो के शेयरों के लिए 385 रुपये प्रति का टारगेट प्राइस (Zomato Target Price) तय किया है। यह टारगेट प्राइस अगले 12 महीनों के लिए है। स्विगी के शेयर सोमवार (6 जनवरी) को 264.60 रुपये पर बंद हुए थे। इसका मतलब है कि जोमैटो के शेयरों में अभी करीब 45 फीसदी तेजी आने की उम्मीद है।

Swiggy Target Price

स्विगी के स्टॉक में ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने 705 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। स्विगी के शेयर सोमवार (6 जनवरी) को 540.05 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे। आनंद राठी के टारगेट प्राइस के हिसाब से देखें, तो अगले 12 महीने के दौरान स्विगी के शेयरों में 30.14 फीसदी की तेजी आने की संभावना है।

आनंद राठी ने जोमैटो-स्विगी का टारगेट प्राइस क्यों बढ़ाया?

घरेलू ब्रोकरेज फर्म आनंदी राठी का कहना है कि जोमैटो और स्विगी के बिजनेस में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। खासकर, इनका क्विक कॉमर्स सेगमेंट काफी तेजी से ग्रोथ कर रहा है। जोमैटो जहां अधिग्रहण यानी दूसरी कंपनियों को खरीदने पर फोकस कर रहा है, वहीं स्विगी का ध्यान अधिक आर्गेनिक ग्रोथ पर है।

Zomato vs Swiggy: कौन है आगे?

जोमैटो फिलहाल फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स के मामले में स्विगी से काफी आगे है। हालांकि, स्विगी भी लगातार विस्ता योजनाओं के साथ जोमैटो को कड़ी टक्कर दे रही है।

जोमैटो बनाम स्विगी: फूड डिलीवरी मार्केट

बाजार हिस्सेदारी और रेवेन्यू के मामले में जोमैटो अपने प्रतिद्वंद्वी स्विगी से काफी आगे है। उसके पास बड़ा यूजर बेस और उसके पास ‘गोल्ड मेंबरशिप’ भी काफी सफल है। वहीं, स्विगी की बात करें तो वह 2020 तक ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट में लीडर थी। लेकिन, फिर उसने जोमैटो के हाथों अपना ताज गंवा दिया। हालांकि, अब वह क्विक कॉमर्स में लगातार विस्तार और 10 मिनट की डिलीवरी सर्विस ‘बोल्ट’ के साथ आगे बढ़ रही है।

जोमैटो बनाम स्विगी: क्विक कॉमर्स सेगमेंट

अगर क्विक कॉमर्स सेगमेंट की बात करें, तो यहां भी स्विगी के इंस्टामार्ट के मुकाबले जोमैटो के ब्लिंकिट का पलड़ा भारी है। जोमैटो की क्विक कॉमर्स यूनिट ब्लिंकिट ने अपनी मौजूदगी करीब 50 शहरों तक बढ़ा लिया है। इसके डार्क स्टोर की संख्या करीब 800 है, जिसे बढ़ाकर यह 2026 के आखिर तक 2000 करना चाहती है। वहीं, स्विगी इंस्टामार्ट की सर्विस फिलहाल 54 शहरों में है। यह अपने डार्क स्टोर की संख्या मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक बढ़ाकर 1000 तक करना चाहती है।

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Piyush Kumar
Piyush Kumar
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