Stock Market Crash History: शेयर बाजार के 5 सबसे बड़े क्रैश, जब एक ही दिन में कंगाल हुए निवेशक

7 अप्रैल को वैश्विक शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट 19 अक्टूबर 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ की याद दिलाती है, जिसे आधुनिक समय का पहला ग्लोबल शेयर मार्केट क्राइसिस माना जाता है। इसे ब्लैक मंडे 2.0 (Black Monday 2.0) भी कहा जा रहा है।

Stock Market Crash History: भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) में 7 अप्रैल को बड़ी गिरावट (stock market crash) दर्ज की गई। वैश्विक मंदी की आशंका (global recession fears) और व्यापार युद्ध (trade war) की खबरों के बीच सेंसेक्स (Sensex) 4,000 अंक तक टूटा और निफ्टी (Nifty 50) 21,750 से नीचे चला गया। इस गिरावट ने निवेशकों को ‘ब्लैक मंडे’ (Black Monday) की याद दिला दी, जब कुछ ही मिनटों में ₹16 लाख करोड़ की पूंजी डूब गई।

7 अप्रैल को वैश्विक शेयर बाजारों में आई यह गिरावट 19 अक्टूबर 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ की याद दिलाती है, जिसे आधुनिक समय का पहला ग्लोबल शेयर मार्केट क्राइसिस माना जाता है। इसे ब्लैक मंडे 2.0 (Black Monday 2.0) भी कहा जा रहा है। आइए जानते हैं कि भारत के शेयर बाजार इतिहास में अब तक की 5 सबसे बड़ी (Stock Market Crash History) एकदिन की गिरावटें:

हर्षद मेहता स्कैम क्रैश (1992)

1992 में हर्षद मेहता के ₹4,000 करोड़ के घोटाले के सामने आने के बाद सेंसेक्स बुरी तरह टूट गया। 28 अप्रैल 1992 को सेंसेक्स 570 अंक या 12.7% गिरा। इस घोटाले ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में कई बड़े सुधारों की नींव रखी, जिनमें SEBI को और सशक्त बनाना शामिल था।

केतन पारेख स्कैम क्रैश (2001)

2001 में ब्रोकरेज घोटाले के साथ-साथ डॉट-कॉम बबल के फटने और गुजरात भूकंप जैसे कारकों ने बाजार को हिला दिया। 2 मार्च 2001 को सेंसेक्स 176 अंक या 4.13% गिर गया।

इलेक्शन रिजल्ट क्रैश (2004)

2004 के आम चुनावों के नतीजों ने निवेशकों को चौंका दिया। यूपीए की अप्रत्याशित जीत से आर्थिक सुधारों की निरंतरता पर सवाल उठे। 17 मई 2004 को सेंसेक्स 11.1% गिरा और भारी बिकवाली के कारण दिन में दो बार ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।

ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस क्रैश (2008)

अमेरिका में Lehman Brothers के दिवालिया होने के बाद दुनिया भर में मंदी की लहर दौड़ गई। 21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 1,408 अंक या 7.4% गिरा। इसके बाद के महीनों में सेंसेक्स अपने पीक से लगभग 60% तक टूट गया।

कोविड-19 महामारी क्रैश (2020)

23 मार्च 2020 को भारत में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद, सेंसेक्स 3,935 अंक या 13.2% गिर गया। इस दिन को भारतीय शेयर बाजार के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट माना जाता है। हालांकि, सरकार की त्वरित आर्थिक मदद से बाजार जल्द ही रिकवर कर गया।

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Shubham Singh
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