Stock Market Crash Explained: क्यों क्रैश हुआ शेयर बाजार, क्या ये पांच कारण हैं जिम्मेदार?
Why share market is falling: भारतीय शेयर मार्केट आज यानी मंगलवार (17 दिसंबर) को क्रैश हो गया है। सेंसेक्स ने 800 अंक और निफ्टी 250 अंक का गोता लगाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे ब्लू-चिप शेयरों में 1 फीसदी से अधिक गिरावट आई है। आइए जानते हैं कि भारतीय शेयर मार्केट के क्रैश (Stock Market Crash Explained) होने की क्या वजह है?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मीटिंग
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय मीटिंग आज यानी मंगलवार (11 दिसंबर) से शुरू होने वाली है। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) नतीजों का ऐलान बुधवार करेगी। दुनियाभर के शेयर बाजार फेड रिजर्व की मीटिंग के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि भारत समेत पूरे एशियाई बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है।
ब्याज दरों में कितनी कटौती होगी?
यह डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पदभार संभालने से पहले फेड रिजर्व की आखिरी मीटिंग होगी। इसलिए निवेशकों की नजरें फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) पर भी रहेगी कि वह अर्थव्यवस्था की स्थिति और ब्याज दरों में कटौती के बारे में क्या कहते हैं। बाजार पहले ही मानकर चल रहा है कि इस मीटिंग में 25 आधार अंकों की कटौती होगी।
चीन के आर्थिक प्रोत्साहन का असर
चीन ने 2025 में अपने बजट घाटे को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने की योजना बनाई है। इस खबर की वजह से भी भारतीय शेयर बाजार दबाव में है। इससे भारत में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) के प्रवाह पर दबाव पड़ने की आशंका है।
विदेशी निवेशकों को लगता है कि चीन बजट घाटे की बढ़ती चर्चा के कारण प्रोत्साहन पैकेज (China financial stimulus package) में वृद्धि कर सकता है। इसलिए विदेशी निवेशक ‘भारत बेचो, चीन खरीदो’ (Sell India, Buy China) की रणनीति पर आक्रामक तरीके से अमल कर सकते हैं। यह चीज भारतीय शेयर बाजार के खिलाफ जा सकती है।
Crude Oile की कीमतों में तेजी
पिछले कुछ दिनों के दौरान कच्चे तेल (Crude Oile) के भाव में उछाल देखने को मिला है। इसमें बीते पांच दिनों में करीब 2 फीसदी की तेजी आई है। एक्सपर्ट का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव और फेडरल रेट से पहले की अनिश्चितता के चलते क्रूड की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और अमेरिका पर प्रतिबंध सख्त कर सकते हैं। इससे क्रूड की सप्लाई भी बाधित होने का डर है। यही वजह है कि कच्चे तेल के दाम में तेजी देखने को मिल रही है, जिससे निवेशक चिंतित हैं।
डॉलर बनाम रुपये का फैक्टर
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया (dollar vs rupee) लगातार कमजोर हो रहा है। इसने मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 84.92 रुपये का नया ऑल टाइम लो-लेवल बना दिया। नवंबर में भारत के व्यापार घाटे (india trade deficit) में 37.8 बिलियन डॉलर की भारी वृद्धि हुई है। इससे भी रुपये पर दबाव बढ़ने का डर रहा है।
बाजार के जानकारों का मानना है कि यह जल्द ही डॉलर के मुकाबले 85 के स्तर पर पहुंच जाएगा। इससे आईटी और फार्मा जैसे एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा। लेकिन, रुपये में गिरावट से आयातकों के लिए इंपोर्ट करने की लागत बढ़ेगी। इसका नकारात्म असर उनके शेयर की कीमतों पर दिखेगा।
ब्लू-चिप शेयरों में भारी बिकवाली
रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारतीय एयरटेल, हीरो मोटोकॉर्प, मारुति और हिंडाल्को जैसे शेयरों में आज भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। सुनील मित्तल के मालिकाना हक वाले भारतीय एयरटेल में सबसे ज्यादा 3 फीसदी की गिरावट आई है। ज्यादातर अन्य ब्लू-चिप शेयर भी 1 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
आईटीसी, टाटा मोटर्स और विप्रो जैसे चुनिंदा स्टॉक ही हरे निशान में हैं। सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी बैंक, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज और निफ्टी ऑयल एंड गैस में एक-एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
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