Stock Market Crash: किस वजह से पाताललोक में पहुंचे सेंसेक्स-निफ्टी, अब क्या करें निवेशक?

मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। Stock Market Crash: भारत का शेयर बाजार (Stock Market) आज यानी 24 फरवरी 2025 को एक बार फिर क्रैश हो गया। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। भारतीय बाजार लगातार दबाव में है। सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई सेंसेक्स दोपहर करीब बजे तक 769.35 अंक यानी 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 74,541.71 अंकों पर था। वहीं, निफ्टी इंडेक्स 221.50 प्वाइंट यानी 0.97 फीसदी फिसलकर 22,574.40 अंकों पर गया था। आइए जानते हैं कि आखिर बाजार में यह गिरावट क्यों आ रही है, निवेशकों को आगे के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए।

अमेरिका से मिल रहे कमजोर संकेत (Weak Cues from the US Market)

अमेरिकी आने वाले आर्थिक डेटा काफी चिंताजनक हैं। इनसे आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कमजोर पड़ गई है। इसका भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।

चिंता के मुख्य कारण:

  • अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation Data) के आंकड़े चिंताजनक हैं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के धीमे पड़ने का संकेत मिला है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) के साथ ट्रेड वॉर छेड़ दी है। इससे भी निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल है।
  • अमेरिका में महंगाई बढ़ने US Federal Reserve की ओर से भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी कमजोर पड़ गई है।

कैसे असर डाल रहा है?

अमेरिकी बाजारों की कमजोरी का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ता है। जब अमेरिका में मंदी की संभावना बढ़ती है, तो वैश्विक निवेशक (Global Investors) जोखिम भरे बाजारों से पैसा निकालते हैं और सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है।

विदेशी निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली (FII Selling Pressure)

शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors – FII) की बिकवाली लगातार बढ़ रही है, जिससे बाजार में गिरावट का दबाव बढ़ गया है।

FII बिक्री के आंकड़े:

2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा की बिकवाली की है।

अक्टूबर 2024 से अब तक कुल विदेशी बिकवाली ₹3 लाख करोड़ से ज्यादा हो चुकी है।

क्यों बिकवाली हो रही है?

  • भारत की तुलना में चीन का बाजार अधिक आकर्षक दिख रहा है। खासकर, चीन के टेक शेयरों में निवेशकों को अच्छे मौके दिख रहे हैं।
  • “Sell India, Buy China” ट्रेड चल रहा है, जिससे भारत से पैसा बाहर निकल रहा है।
  • भारत में उच्च वैल्यूएशन (Overvaluation) का डर भी निवेशकों को पैसा निकालने पर मजबूर कर रहा है।

कैसे असर डाल रहा है?

FII बिकवाली से शेयर बाजार में तरलता (Liquidity) की कमी हो जाती है, जिससे मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में ज्यादा गिरावट आती है।

ऊंचे वैल्यूएशन की चिंता (Valuation Worries)

शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के अधिक महंगे (Overvalued) होने को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। इनमें करीब 20 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है, लेकिन निवेशक अभी भी इसे आकर्षक नहीं मान रहे हैं।

क्या है एनालिस्टों की राय? 

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में और गिरावट आ सकती है।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस (Financial Express) की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों को अभी भी शेयरों के अधिक महंगे होने (Fair-to-Frothy Valuations) की चिंता है।

कैसे असर डाल रहा है?

जब वैल्यूएशन ज्यादा होते हैं, तो निवेशक मुनाफावसूली (Profit Booking) करने लगते हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में पहले से ही 20% तक की गिरावट आ चुकी है, और आगे और गिरावट संभव है। इससे बाजार में पैनिक सेलिंग (Panic Selling) बढ़ जाती है, जिससे गिरावट का सिलसिला जारी रहता है।

क्या करें निवेशक? (What Should Investors Do?)

शेयर बाजार में इस समय अस्थिरता (Volatility) बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों को घबराने के बजाय एक संतुलित रणनीति अपनानी चाहिए।

  • लॉन्ग-टर्म निवेश पर फोकस करें: बाजार में गिरावट हमेशा लंबे समय के लिए अच्छा मौका होती है।
  • अच्छे क्वालिटी वाले स्टॉक्स चुनें: मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करें।
  • FII की बिकवाली से बचें: छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और SIP निवेश जारी रखें।
  • मार्केट के स्टेबल होने का इंतजार करें: जल्दबाजी में निर्णय न लें और बाजार को थोड़ा स्थिर होने दें।
  • डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं: सिर्फ इक्विटी में निवेश न करें, बल्कि FD, गोल्ड और डेट फंड्स में भी निवेश करें।

क्या बाजार में गिरावट जारी रहेगी?

शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में कमजोरी, FII की बिकवाली और ऊंचे वैल्यूएशन की चिंता है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह एक निवेश का अच्छा अवसर हो सकता है। अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए। आपको चाहिए कि आप अच्छी कंपनियों में निवेश जारी रखें और बाजार की अस्थिरता को अवसर के रूप में देखें।

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Shubham Singh
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