Stock Market में भारी उतार-चढ़ाव का दौर, Retail Investors को क्या करना चाहिए?

Share Market Investment: भारत के शेयर मार्केट में पिछले कुछ समय से भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बीते एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी में महज 1 फीसदी के करीब तेजी आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump BRICS) की टैरिफ बढ़ाने की धमकी जैसी चुनौतियों से वैश्विक अनिश्चितता बढ़ी है। भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP growth rate) सुस्त पड़ रही है। महंगाई बढ़ रही है और ब्याज दरें (Inflation and Interest rate in India) ऊंचे स्तर पर हैं। ये सब मिलकर शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव को हद से ज्यादा बढ़ा रहे हैं।

इससे शेयर मार्केट में पैसे लगाने वाले निवेशकों की चिंता भी बढ़ी है। खासकर, इस आशंका को देखते हुए शेयर बाजार में अनिश्चितता (Stock market volatility) का दौर जारी रहेगा। आइए जानते हैं कि अस्थिरता के इस माहौल में निवेशकों को क्या करना चाहिए?

शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की वजह क्या है?

भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए FY 2024-25 की दूसरी तिमाही किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। FMCG कंपनियों के लिए बिक्री और मुनाफे के लिहाज से यह पिछले चार साल सबसे कमजोर तिमाही थी। इसका मतलब है कि इससे पहले कोरोना काल में कंपनियों ने इतना खराब प्रदर्शन दर्ज किया था। इससे HUL और Asian Paints जैसी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई।

साथ ही, वैश्विक अनिश्चितता ने भी जले पर नमक का काम किया। जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े (GDP Growth Data) कमजोर आने के बाद उतार-चढ़ाव का यह सिलसिला जारी रहने वाला है। इसका मतलब है कि आसान रिटर्न (Share Market Return) वाला दौर खत्म हो गया है, जिसमें सभी सेक्टर के शेयर जमकर मुनाफा दे रहे थे।

शेयर बाजार के निवेशकों को क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों (Long Term Investors) को शेयर मार्केट की मौजूदा गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। अगर शेयर मार्केट में लंबे समय तक Bull Run यानी तेजी रहती है, तो उसके बाद गिरावट का दौर आना लाजिमी है। पिछले 25 साल में शेयर बाजार ने 22 बार 10 फीसदी या इससे अधिक की गिरावट (Share Market Correction) देखी है।

इसलिए निवेशकों को मानसिक तौर पर 10 से 15 फीसदी गिरावट के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। यह निवेशकों के लिए काफी शानदार मौका भी होता है। इसलिए एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को गिरावट के समय अच्छी क्वॉलिटी के स्टॉक खरीदना चाहिए, क्योंकि ये काफी सस्ते वैल्यूएशन (Cheap Valuation Stocks) पर मिल जाते हैं।

ज्यादा और कम निवेश वाले निवेशक क्या करें?

अगर आपने शेयर बाजार में ज्यादा पैसे लगा रखे हैं, तो आपको अपना निवेश जारी रखना चाहिए। आप अच्छे स्टॉक को गिरावट के वक्त खरीदकर अपना एवरेज प्राइस भी सही कर सकते हैं। हालांकि, आपको एकसाथ बहुत ज्यादा पैसे नहीं लगाने की जरूरत है।

वहीं, अगर आप नए निवेशक हैं और आपने मार्केट में कम पैसे लगाया है, तो आपको धीरे-धीरे योजनाबद्ध तरीके से अपना निवेश बढ़ाना चाहिए। आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में पैसे लगाने पर भी विचार कर सकते हैं। अगर आपका शॉर्ट से मीडियम टर्म के निवेशक हैं, तो आपके लिए मुनाफावसूली करना सबसे बेहतर ऑप्शन रहेगा।

Bear Market में Portfolio कैसा होना चाहिए?

  • लगातार कमजोर वित्तीय नतीजे देने वाली कंपनियों से आपको बाहर निकल जाना चाहिए। ये बड़ा नुकसान करा सकती हैं।
  • आपको अच्छे वित्तीय नतीजों और अच्छी ग्रोथ की संभावनाओं वाली कंपनी निवेश करना चाहिए। इनसे मोटा पैसे बनेगा।
  • 30 फीसदी हिस्सा एक्टिवली मैनेज्ड ड्यूरेशन फंड्स में लगाएं, क्योंकि ये बदलते बाजार के हिसाब से आपको फायदा देंगे।
  • कुछ हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड्स में भी रखना चाहिए। इससे निवेश जोखिम कम करने में मदद मिलती है
  • आपके पोर्टफोलियो में कुछ हिस्सा Gold का भी होना चाहिए। यह मुद्रास्फीति और अस्थिरता के बीच अच्छा रिटर्न देगा।

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Shubham Singh
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