
बर्बाद कर देंगी सोशल मीडिया Finfluencers की ये 5 सलाह, जान लीजिए बचने का आसान तरीका
मनीसनी डेस्क, नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया बेसिर-पैर की जानकारियों का अड्डा बन गया है। कई फिनफ्लुएंसर (Finfluencers) लोगों को कर्ज चुकाने, जल्दी अमीर बनने और निवेश करने की सलाह (Bad Money Tips) देते हैं। हालांकि, इन सुझावों में से कुछ बेहद जोखिमभरे और गुमराह करने वाले होते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसर से मिलने वाली हर वित्तीय सलाह (Financial Advice) पर अमल करना भारी नुकसान भी करा सकता है। इस आर्टिकल में हम सोशल मीडिया पर दी जाने वाली 5 सबसे खराब वित्तीय सलाहों (Worst Financial Advice on Social Media Influencers) के बारे में जानेंगे और आपको बताएंगे कि कैसे इनसे बचा जा सकता है।
अगर पैसों की कमी हो, तो Payday Loan ले लें
कई फिनफ्लुएंसर सोशल मीडिया पर Payday Loan लेने की सलाह देते हैं। यह खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है। इसमें अगली सैलरी आने से पहले कुछ जरूरी खर्च निपटाने के लिए Payday Loan लेने की सलाह दी जाती है।
यह सलाह गलत क्यों है?
- Payday Loans या कैश एडवांस लोन छोटी अवधि के लिए होते हैं, लेकिन इन पर भारी ब्याज लगता है।
- इसे आप इंस्टैंट वाले ऐप की तरह समझ सकते हैं, जिन्हें आपको कुछ हफ्तों के भीतर वापस करना होता है।
- बजाज फिनसर्व के मुताबिक, Payday Loan की वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) अक्सर 400% से अधिक होती है।
बेहतर विकल्प:
- इमरजेंसी फंड बनाने की योजना बनाएं, ताकि भविष्य में ऐसे लोन की जरूरत न पड़े।
- अगर किसी दोस्त या रिश्तेदार से उधार मिल सके, तो वह भी काफी अच्छा विकल्प होगा।
- आप पर्सनल लोन भी ले सकते हैं, जिसकी ब्याज दर कम होती है।
किराए पर रहना पैसे की बर्बादी है, तुरंत घर खरीदें
इंस्टाग्राम पर कई रील्स में फिनफ्लुएंसर किराए के घर में रहने को पैसों की बर्बादी बताते हैं। उनकी सलाह होती है कि आपको जितनी जल्दी हो सके, अपना खुद का घर खरीद लेना चाहिए।
यह सलाह क्यों गलत है?
- घर खरीदना एक बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी है और इसके लिए डाउन पेमेंट, होम लोन, मेंटेनेंस और टैक्स का खर्च होता है।
- PNB Housing के मुताबिक, RBI के नियम बैंकों को 75 से 90 फीसदी लोन-टु-वैल्यू (LTV) देने की इजाजत देते हैं।
- इसका मतलब है कि घर खरीदार को औसतन 20 फीसदी रकम डाउन पेमेंट करनी होगी यानी 1 करोड़ के घर पर 20 लाख रुपये।
- अगर आपकी वित्तीय स्थिति स्थिर नहीं है, या आपके पास पर्याप्त बचत नहीं है, तो घर खरीदना जोखिम बन सकता है।
बेहतर विकल्प:
- आप किराए पर रहते हुए पैसे बचाएं और डाउन पेमेंट के लिए फंड बनाएं।
- आप किसी रूममेट के साथ किराया साझा कर सकते हैं। इससे आपके पैसे बचेंगे।
- अपना क्रेडिट स्कोर सुधारें, ताकि होम लोन पर बेहतर ब्याज दर मिल सके।
क्रेडिट कार्ड से दूरी बनाकर रखें
फिनफ्लुएंसर अक्सर क्रेडिट कार्ड से दूरी बनाने की सलाह देते हैं। उनका दावा होता है कि इससे लोग कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। लेकिन, यह दावा पूरी तरह से भ्रामक है।
यह सलाह क्यों गलत है?
- कई लोग मानते हैं कि क्रेडिट कार्ड सिर्फ कर्ज में डालने के लिए होते हैं, लेकिन यह सही नहीं है।
- अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो क्रेडिट कार्ड आपके क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड फाइनेंशियल इमरजेंसी के वक्त जरूरी बिल चुकाने या शॉपिंग का जरिया बन सकते हैं।
बेहतर विकल्प:
- आप क्रेडिट कार्ड का स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करें।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन को 30 फीसदी से कम रखें।
- हर महीने पूरा बिल समय पर चुकाएं, कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट्स का लाभ उठाएं।
- अगर ओवरस्पेंडिंग की समस्या है, तो डेबिट कार्ड या सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें।
पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करें
कई फर्जी किस्म के फिनफ्लुएंसर सोशल मीडिया पर पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करने की सलाह देते हैं। उनका दावा होता है कि आपको तगड़ा रिटर्न मिलेगा। आप जल्दी कर्ज चुकाकर भारी संपत्ति भी बना लेंगे।
यह सलाह गलत क्यों है?
- शेयर मार्केट में निवेश उतार-चढ़ाव के अधीन होता है। यह किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय कारण से बहुत तेजी से गिर सकता है।
- अगर आपके निवेश वाला स्टॉक की वैल्यू गिरेगी, तो आप पर लोन की EMI चुकाने का बोझ भी बढ़ेगा।
- पर्सनल लोन की ब्याज दर कम से 11 फीसदी होती है। इससे कम रिटर्न मिलने का मतलब भी सीधे आपका नुकसान होगा।
बेहतर विकल्प:
- शेयर मार्केट में हमेशा बचत के पैसों को ही निवेश करें। इससे आप नुकसान की स्थिति में भी स्टॉक को लंबे वक्त तक होल्ड कर पाएंगे।
- अगर शेयर मार्केट में निवेश के लिए पर्सनल लोन लें, तो वह आपके पोर्टफोलियो का 10 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
- जैसे कि अगर पोर्टफोलियो 1 लाख रुपये का है, तो आप अधिकतम 10 हजार रुपये का पर्सनल लोन ले सकते हैं। क्योंकि इसे आप अपने जब चाहें, दूसरे शेयर बेचकर चुका देंगे।
दिवालियापन (Bankruptcy) कर्ज चुकाने का आसान तरीका है
कुछ फिनफ्लुएंसर सलाह देते हैं कि अगर आप पर ज्यादा कर्ज हो गया है, तो आप खुद को दिवालिया (Bankrupt) घोषित कर दें। इससे आपको कर्ज चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, यह कर्ज से भागने का सबसे गलत तरीका है।
यह सलाह क्यों गलत है?
- Bankruptcy (दिवालियापन) आखिरी विकल्प होना चाहिए। क्योंकि यह आपके क्रेडिट स्कोर को 10 साल तक प्रभावित कर सकता है।
- अगर आप खुद को दिवालिया घोषित करते हैं, तो इससे बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड और यहां तक कि नौकरी के अवसरों पर भी असर पड़ सकता है।
- दिवालिया घोषित होने के बाद आपकी संपत्ति भी जब्त हो सकती है। आप और आपका पूरा परिवार सड़क पर आ सकते हैं।
बेहतर विकल्प:
- अपने खर्च को कम करें। आमदनी बढ़ाने के तरीके खोजें और कर्ज को चुकाने की योजना बनाएं।
छोटे कर्ज पहले चुकाएं, फिर बड़े पर ध्यान दें। आप ज्यादा ब्याज वाले कर्ज को भी पहले चुका सकते हैं।
डेट कंसॉलिडेशन, (Debt Consolidation), री-फाइनेंसिंग (Refinancing) या लोन सेटलमेंट (Debt Settlement) के विकल्प देखें।
सोशल मीडिया पर खराब वित्तीय सलाह से कैसे बचें?
आजकल सोशल मीडिया का दखल हमारी जिंदगी में काफी बढ़ गया है। ऐसे में इंस्टाग्राम रील्स, फेसबुक या फिर एक्स (पहले ट्विटर) पर मिलने वाली गलत वित्तीय सलाह से बचना काफी मुश्किल होता है। लेकिन, आप कुछ बातों का ध्यान रखकर खराब वित्तीय सलाह से आसानी से बच सकते हैं।
स्वघोषित एक्सपर्ट से दूरी बनाएं
आपको सबसे पहले देखना चाहिए कि क्या सलाह देने वाला व्यक्ति सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP), टैक्स प्रोफेशनल या अनुभवी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर है? क्या उनके पास वास्तविक अनुभव और प्रमाणित ज्ञान है? अगर ऐसा नहीं है, तो उसकी सलाह पर अमल करने से परहेज करें।
भ्रामक प्रचार के झांसे में न आएं
अगर कोई पोस्ट “जल्दी अमीर बनने” या “100% गारंटीड इन्वेस्टमेंट” की बात कर रही है, तो फौरन सतर्क हो जाएं। अमीर बनने का शॉर्टकट आपका आर्थिक नुकसान तो कराएगा ही, आपको जेल की हवा भी खिला सकते है।
फाइनेंशियल डिसीजन लेने से पहले रिसर्च करें
सोशल मीडिया पर मिलने वाली वित्तीय सलाह पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। आप घर खरीदने या शेयर बाजार में निवेश करने जैसा कोई भी महत्वपूर्ण वित्तीय फैसला लेने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें। आप रिजर्व बैंक (RBI), सेबी और अन्य आधिकारिक स्रोतों से जानकारी ले सकते हैं। अगर आप उलझन की स्थिति में हैं, किसी प्रोफेशनल फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
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